कांग्रेस

भारत-चीन प्रकरण: विदेश नीति के मामले में तो अपनी अपरिपक्व बयानबाजी से बाज आएं राहुल गांधी

घरेलू राजनीति में अपरिक्‍वता का परिचय देने वाले राहुल गांधी जिस तरह विदेशी मामलों में राजनीतिक लाभ के लिए गलतबयानी कर रहे हैं, वह देश के लिए घातक है।

उत्तर प्रदेश लौटकर आए मजदूरों ने उतार दिया कई चैनलों के चेहरे से निष्पक्षता का मुखौटा

माय गव इंडिया के यूट्यूब चैनल  पर पलायन कर रहे लगभग आधा दर्जन मजदूरों का अनुभव सुनने को मिला। इस वक्त जब तन्हाई और अवसाद की काली छाया चारों तरफ कोविड 19 के इस दौर में पसरी है, ऐसे समय में यह अनुभव नई ऊर्जा से भर देने वाला है।

जिनकी सरकारों ने कभी सीमा पर ध्यान नहीं दिया, वे सीमा सुरक्षा को लेकर पीएम पर किस मुंह से सवाल उठा रहे हैं?

यह देश का सौभाग्य ही है कि उसने ऐसे कुचक्रों एवं भ्रामक प्रचारों को अस्वीकृत कर निर्वाचित नेतृत्व को और अधिक सशक्त बनाकर अपनी प्रगति का पथ प्रशस्त किया।

मोबाइल निर्यात बाजार में भारत की दस्‍तक

अब तक अग्रणी मोबाइल आयातक के रूप में शुमार भारत जल्‍दी ही मोबाइल निर्यातक की श्रेणी आ जाए तो आश्‍चर्य नहीं होना चाहिए। दरअसल मोदी सरकार 370 अरब डॉलर के वैश्‍विक मोबाइल बाजार में चीन-वियतनाम को टक्‍कर देने की रणनीति पर काम कर रही है।

गरीबी की जड़ पर चोट करने में कामयाब रही मोदी सरकार

2014 में प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी गरीबी निवारण योजनाओं के साथ-साथ गरीबी पैदा करने वाले कारणों को दूर करने में जी जान से जुट गए। प्रधानमंत्री ने उन व्‍यवस्‍थागत खामियों का दूर किया जिनके चलते योजनाएं अपने लक्ष्‍य को हासिल नहीं कर पाती थीं।

केंद्र को नसीहत देने की बजाय महाराष्ट्र की स्थिति पर अपना रुख स्पष्ट करें राहुल गांधी

केंद्र को नसीहत देने और उससे सवाल पूछने की बजाय राहुल गांधी को महाराष्ट्र जैसे राज्यों की स्थिति पर रुख स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि सत्ता में भागीदार रहते हुए वे इनकी जवाबदेही से बच नहीं सकते।

कांग्रेस सरकारों की उपेक्षा का नतीजा है भारत-चीन सीमा विवाद

देखा जाए तो आज जो स्‍थिति बनी है वह कांग्रेसी सरकारों की लंबे अरसे की उपेक्षा का नतीजा है। इसी को देखते हुए 2014 में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते ही नरेंद्र मोदी ने चीन सीमा से लगते इलाकों में सड़क और दूसरी आधारभूत परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी

संकट के समय भी चुनावी राजनीति में उलझी है कांग्रेस

आजादी के बाद से ही कांग्रेसी सरकारें गरीबों के कल्‍याण का नारा लगाकर अपनी और अमीरों की तिजोरी भरती रही हैं। यही कारण है कि बिजली, पानी, अस्‍पताल, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं आम आदमी की पहुंच से दूर रहीं।

‘कोरोना से लड़ाई में योगी सरकार की कार्यकुशलता एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत कर रही है’

योगी आदित्यनाथ इन श्रमिकों के वर्तमान पर ही ध्यान नहीं दे रहे हैं, बल्कि उनके लिए भविष्य की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। क्वारंटीन सेन्टर में प्रवासी श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जा रही है जिससे होम क्वारंटीन पूरा करने के पश्चात उनके रोजगार की व्यवस्था की जा सके

बस प्रकरण : लोगों की ‘सेवा’ का दावा कर रही कांग्रेस की मंशा पर उठते हैं गहरे सवाल

सबसे महत्वपूर्ण बात एक हज़ार बसों के ऐलान के बाद प्रियंका गांधी की मंशा पर है। जिन बसों की कतारें मीडिया दिखा रही है जो कथित रूप से कांग्रेस पार्टी द्वारा मजदूरों को घर भेजने के लिए खड़ी हैं, उनमें राजस्थान सरकार के परिवहन विभाग की बसें भी शामिल हैं। यदि आपको यह कार्य करना था तो राजस्थान से जो बसें यहाँ कतारबद्ध की गयीं थी, उनमें राजस्थान से श्रमिकों को क्यों लेकर नहीं आया गया?