विरोधियों के लिए नामुमकिन है मोदी को समझना
उनका जितना विरोध होता है, जितना अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है, उतना ही वह आगे बढ़ते जाते हैं। विपक्ष देखता रह जाता है, नरेंद्र मोदी आगे निकल जाते हैं।
किसान हितों को समर्पित है मोदी सरकार, इसलिए अप्रासंगिक हुआ कथित किसान आंदोलन
किसानों की आय बढ़ाने और उनकी स्थिति में सुधार लाने के लिए मोदी सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। ये कृषि कानून भी इसीकी एक कड़ी हैं।
क्या अपनी प्रासंगिकता खो रहा है किसान आंदोलन ?
देश इस बात को बहुत अच्छे से समझता है कि देश का किसान जो इस देश की मिट्टी को अपने पसीने से सींचता है वो देश के उस जवान पर कभी प्रहार नहीं कर सकता जो इस देश की आन को अपने खून से सींचता है।
किसान हित नहीं, मोदी का अंधविरोध है इस आंदोलन का एजेंडा
सबसे बड़ी बात यह है कि आंदोलन मोदी विरोधियों का मंच बनता जा रहा है। इसी का नतीजा है कि इसके जनसमर्थन में लगातार गिरावट आ रही है।
जम्मू-कश्मीर : फिर से महकने लगीं केसर की क्यारियां
जुलाई 2020 में कश्मीरी केसर को भौगोलिक पहचान (जीआई) टैग मिल गया। अब सरकार ने घाटी के केसर ब्रांड को वैश्विक पहचान दिलाने का बीड़ा उठाया है।
कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति का परिणाम था हलाल प्रमाणपत्र, मोदी सरकार ने किया समाप्त
तुष्टीकरण की नीतियों के चलते कांग्रेसी सरकारों ने हलाल को एक भोजन पद्धति से आगे बढ़ाकर एक समानांतर अर्थव्यवस्था में तब्दील कर दिया था।
राहुल गांधी का अहंकार बची हुई कांग्रेस को भी समेट देगा!
राहुल गाँधी ने कहा कि कौन नड्डा ? अब अगर कोई पलट के पूछ दे कि कौन राहुल ? क्योंकि हर समय जिम्मेदारियों से भागने वाले राहुल गाँधी इस समय क्या हैं ?
नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करने वाले बताएं कि पुराने कानूनों के रहते खेती घाटे का सौदा क्यों बन गयी?
नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करने वाले किसान यह क्यों नहीं बता रहे हैं कि पुराने कानूनों से खेती-किसानी घाटे के सौदे में क्यों तब्दील हो गई?
कोरोना वैक्सीन पर राजनीति विपक्ष की मुद्दाहीनता को ही दिखाती है
कोरोना आपदा से लेकर उसकी वैक्सीन तक विपक्ष की राजनीति दर्शाती है कि इस देश में विपक्ष किस कदर मुद्दाहीन हो गया है।
कोरोना वैक्सीन पर अखिलेश यादव का बयान दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही, आपत्तिजनक भी है
कोरोना महामारी से लेकर उसकी वैक्सीन तक भारतीय राजनीति में विपक्षी दलों ने विरोध के लिए विरोध की जो राजनीति की है, वो शर्मनाक और निंदनीय है।