चमकीली होती भारतीय अर्थव्यवस्था
कहा जा सकता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार आ रहा है। जीडीपी, निवेश, खपत और महंगाई के ताजा आंकड़े बेहद ही सकारात्मक हैं।
मोदी सरकार के प्रयासों से भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी व्यापार का बढ़ रहा योगदान
भारत सरकार ने हाल ही में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की है तथा निर्यातकों को अन्य प्रकार के प्रोत्साहन आदि भी दिए जा रहे हैं।
दस प्रतिशत से अधिक आर्थिक विकास दर प्राप्त करने की ओर बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था
अर्थव्यस्था के लगभग सभी क्षेत्रों (व्यक्तिगत ऋण, सेवा, उद्योग एवं कृषि क्षेत्र) में ऋण प्रदान करने की गतिविधि में महत्वपूर्ण तेजी दृष्टिगोचर हुई है।
भारत से उत्पादों के निर्यात ने पकड़ी तेज रफ्तार
भारत से निर्यात किए जा रहे उत्पादों का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि देश से रोजगारोन्मुखी उद्योगों के उत्पाद तेज गति से बढ़ रहे हैं।
कोरोना संकट से उबरते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगाई ऊंची छलांग
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की वसूली में तो लगातार वृद्धि देखने में आ रही है एवं यह अब प्रति माह एक लाख करोड़ रुपए से अधिक के स्तर पर पहुंच गई है।
केंद्र सरकार की नीतियों से तेज हुई है कृषि क्षेत्र से निर्यात की गति
कृषि पदार्थों की आपूर्ति बनाए रखना भी केंद्र सरकार की बड़ी उपलब्धि माना जाना चाहिए। देश के किसी भी कोने में सामान्यतः कृषि उत्पादों की उपलब्धता में कमी नहीं आने दी गई।
वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से हो रहा सुधार
कोरोना के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुक़ाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है।
कृषि क्षेत्र में बाजार अर्थव्यवस्था का आगाज करने वाले हैं नए कृषि कानून
मोदी सरकार नए कृषि कानूनों के जरिए फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने की दूरगामी योजना पर काम कर रही है ताकि कृषि जैव विविधता के विनाश, गेहूं-धान की एकफसली खेती, मिट्टी-पानी-हवा के प्रदूषित होने, भूजल संकट आदि से बचा जा सके।
आर्थिक सुस्ती के सभी पूर्वानुमानों को नकारते हुए तेजी से आगे बढ़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था
कोरोना संकट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर जिस तरह का दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका आर्थिक विश्लेषक जता रहे थे, वो गलत साबित होती नजर आ रही है।
किसानों के लिए वरदान साबित होंगे नए कृषि कानून
नए कानूनों से राष्ट्र, उत्पादक और उपभोक्ता तीनों खुशहाल होंगे। जमाखोरी खत्म होगी, लॉबिंग की विदाई हो जाएगी एवं कृषि क्षेत्र का विकेन्द्रीकरण होगा।