लॉकडाउन के बावजूद सप्लाई चेन को मज़बूत रखने में सफल रही है मोदी सरकार
पूरे विश्व में फैली कोरोना वायरस की महामारी के कारण भारत में इस महामारी को रोकने के उद्देश्य से पहले इक्कीस दिन और फिर उन्नीस दिन का लॉकडाउन लागू किया गया है जिसके चलते देश भर की अधिकतर उत्पादन इकाईयाँ बंद कर दी गईं एवं आर्थिक गतिविधियों सहित विभिन्न अन्य सामान्य प्रकार की गतिविधियों को भी रोक दिया गया।
संघ प्रमुख के उद्बोधन के निहितार्थ बहुत गहरे हैं
देश में कभी भी कोई बड़ा मामला आता है अथवा कोई विमर्श खड़ा होता है, तो देश का एक बड़ा तबका यह जानने के लिए उत्सुक रहता है कि इस विषय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की क्या राय है। आज भी यह प्रश्न उठ रहा है कि मौजूदा कोरोना के महासंकट से बाहर आने एवं वर्तमान में कोरोना वायरस से उपजी चुनौतियों से निपटने की दिशा में आरएसएस किस भूमिका का निर्वहन कर रहा है?
कोरोना संकट : डॉ. मोहन भागवत ने अपने संबोधन में दिखाई नई राहें
कोरोना संकट से विश्व मानवता के सामने उपस्थित गंभीर चुनौतियों को लेकर दुनिया भर के विचारक जहां अपनी राय रख रहे हैं, वहीं दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के संवाद ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है।
‘जब पूरा देश कोरोना के खिलाफ लड़ रहा, तब कांग्रेस केंद्र सरकार से लड़ रही है’
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस गंभीर वैचारिक द्वंद्व में फंस चुकी है। अनुच्छेद-370 समाप्त करने, नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) पर तो उसके नेताओं में परस्पर विरोध था ही, अब कोरोना संकट में भी पार्टी के अंतर्विरोध उभरकर सामने आ रहे हैं।
कोरोना संकट के इस कठिन काल से और मजबूत होकर निकलेगा भारत!
एक तरफ जहां पड़ोसी चीन इस आपदा का व्यापारिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अनुचित इस्तेमाल करने से नहीं चूक रहा, दूसरी तरफ भारत ने कोरोना से लड़ाई में केवल अपनी रक्षा ही नहीं की है, अपितु विश्व के अन्य देशों को भी सहयोग दिया है।
कोरोना संकट : मोदी के जिन कार्यों की विश्व प्रशंसा कर रहा, कांग्रेस उनमें खोट निकालने में लगी है
देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि इस युद्ध में सभी मिलकर लड़ें क्योंकि सामूहिक प्रयास और एकजुटता से ही इस लड़ाई को जीता जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक सभी प्रकार की एकजुटता लाने के प्रयास लगातार किए हैं। इस लड़ाई में आम जनमानस का जो सहयोग मिल रहा है वह भी अभूतपूर्व है। एक सर्व समावेशी सरकार के मानकों पर इस समय नरेंद्र मोदी सरकार को परखें तो वह शत प्रतिशत खरी उतरी है।
कोरोना संकट से निपटने को देश सेवा में जुटी भाजपा
भारत में कोरोना संक्रमण के खतरे को मोदी सरकार ने बहुत पहले ही अनुभव कर लिया था। विदेश से वायु सेवा के द्वारा भारत में आने वाले लोगों की विमानपत्तन पर जांच भी प्रारंभ हो गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय किए हैं।
जानिये कैसे कोरोना संकट से निपटने में विश्व के सर्वश्रेष्ठ नेता बने मोदी
मोदी ने इस संकटकाल में न केवल अपने देश को संभाला है बल्कि उन्होंने कई अन्य राष्ट्रों को भी दवाओं व संसाधनों की खेप पहुंचाकर मानवीय आधार की मिसाल गढ़ी है। एक वैश्विक राजनेता में जो गुण होना चाहिये, आज मोदी में वे सारे गुण मौजूद हैं। जीवन रक्षक व जरूरी दवाओं से निर्यात प्रतिबंध सही समय पर हटाकर
एफडीआई नियमों में ताजा बदलाव से होगी भारतीय हितधारकों की रक्षा
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार कंपनियों के अवसरवादी अधिग्रहण को रोकने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों में 18 अप्रैल से बदलाव किया गया है। नए प्रावधानों से भारत के साथ सीमा साझा करने वाले किसी भी पड़ोसी देश को भारत में निवेश करने के लिए भारतीय सरकार से अनुमति लेनी होगी।
इतना आसान नहीं है योगी आदित्यनाथ बनना
सूचनाएं कभी अकेले नहीं आतीं, वो हमेशा अपने साथ भावनाएं लेकर चलती हैं और मानव जीवन भी तो एक चकमक पत्थर ही है, जब भी घिसेंगे कुछ चिंगारियां छूटेंगी ही छूटेंगी। कल योगी आदित्यनाथ और टीम-11 की मीटिंग के वक्त ऐसी ही एक सूचना आई और फिर भावनाओं की चिंगारियां भी दिखीं।