गणतंत्र दिवस: भारतीय संविधान में मौजूद राम-कृष्ण के चित्रों के बारे में कितना जानते हैं आप?
भारत की स्वतंत्रता और संविधान निर्माण को अलग करके नहीं देखा जा सकता। दोनों भारत के गौरवशाली अवसर हैं। इससे हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए। यह तो आप जानते हैं कि आज की तारीख को ही 1950 में भारतीय संविधान लागू हुआ था, लेकिन क्या आपको मालूम है कि मूल संविधान में अनेक चित्र थे। इनका निर्माण नन्दलाल बोस ने किया था। यह हमारे गौरवशाली अतीत की झलक देने वाले थे। गणतंत्र दिवस पर इनकी भी चर्चा होनी चाहिए।
लोकतंत्र के लिए आपातकाल और परिवारवाद जैसे संकटों के प्रति शुरू से आशंकित थे बाबा साहेब !
भारतीय गणतंत्र अपना 74वां उत्सव मना रहा है। यह कई मायनों में भारत की बहुविध संस्कृति और परम्पराओं को साझे तौर पर मनाने का महापर्व है।
किसान आंदोलन की दशा और दिशा
अब किसान आंदोलन किसानों से निकल कर ऐसे ही संदिग्ध हाथों में पहुँच गया है। ऐसे में सरकार जिस धैर्य से काम ले रही है वो ठीक ही है।
एक्ट ईस्ट नीति : एशिया में चीन के विस्तारवादी रुख का कूटनीतिक जवाब
भारत-आसियान संबंधो की रजत जयंती के अवसर पर इस बार गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में आसियान के सदस्य-देशों के नेताओं को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। यह सिर्फ एक औपचारिकता वश ही नहीं था, बल्कि इसको मोदी सरकार के द्वारा अपनी कूटनीति को नये रूप में दक्षिण पूर्व एशिया में अपने वर्चस्व को बढ़ाने तथा इस क्षेत्र में चीन का जो वर्चस्व है, उससे संतुलन स्थापित करने के रूप में देखा जा
मोदी की ‘आसियान नीति’ से बढ़ेगी चीन की चिंता !
देश का प्रत्येक गणतंत्र दिवस अपने में खास होता है। लेकिन इस बार का मुख्य समारोह मील के पत्थर की भांति दर्ज होगा। पहले भी मुख्य अतिथि के रूप में विदेशी राष्ट्राध्यक्ष इसमें शामिल होते रहे है। किंतु इस बार एक सम्पूर्ण क्षेत्रीय संगठन मेहमान बना। आसियान के दस राष्ट्राध्यक्ष, गणतंत्र दिवस में मुख्य समारोह के गवाह बने। यह विदेश नीति का नायाब प्रयोग था। जिसे पूरी तरह सफल कहा जा सकता है। इसने
मोदी सरकार के नेतृत्व में एशियाई महाशक्ति के रूप में उभरता भारत
यह सप्ताह भारत के विदेशी मामलों के लिए बहुत अच्छा रहा। अव्वल तो दावोस में हुए विश्व इकानामिक फोरम में भारत की सशक्त मौजूदगी दिखी तो दूसरी तरफ भारत की मेजबानी में आसियान सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन हुआ। राजधानी स्थित राष्ट्रपति भवन में हुए इस सम्मेलन में आसियान नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परस्पर हितों के मुद्दों पर वार्ता की। इस भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में