चंद्रयान

14 जुलाई को इतिहास रचेगा भारत, इसरो का चंद्रयान-3 होगा प्रक्षेपित

आगामी 14 जुलाई को भारत एक नया इतिहास रचने जा रहा है। इस दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो का महत्‍वाकांक्षी अभियान चंद्रयान 3 प्रक्षेपित किया जाएगा।

अंतरिक्ष बाजार में भी बढ़ रहा भारत का दबदबा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने गत 15 फरवरी 2017 को कुल 104 उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करके एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था।

मोदी सरकार के प्रयासों से अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता भारत

भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धियां पिछले सात साल के भीतर अनेक प्रकार के उपग्रह प्रक्षेपित कर हासिल की हैं।

असंभव लगने वाली समस्याओं का समाधान करने वाले सौ दिन

नरेंद्र मोदी सरकार ने सौ दिन में होनहार विरवान की कहावत चरितार्थ की है। इस अल्प अवधि में अब तक असंभव लगने वाली समस्याओं का भी समाधान सफलता पूर्वक हो गया। संविधान के अस्थायी अनुछेद-370 को सत्तर वर्षों तक हंगामा बना कर रखा गया था। अनुछेद 35-ए पर भी यही स्थिति थी। मोदी सरकार ने मात्र दो दिन की संसदीय कवायद के बाद ही इस समस्या का स्थायी समाधान निकाल दिया।

वो तीन काम जिनसे विशेष हो गया इसबार का स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस का प्रत्येक समारोह गरिमापूर्ण होता है। पूरा देश इसमें उत्साह के साथ सम्मलित होता है। यह हमारी राष्ट्रीय परम्परा है। लेकिन इस बार का पन्द्रह अगस्त विशेष कहा जा सकता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि इसकी तैयारी कुछ दिन नहीं बल्कि कई महीनों से चल रही थी।

चंद्रयान-2 : अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और उपलब्धि की ओर भारत

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत एक और उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। 15 जुलाई को भारत चंद्रयान-2 मिशन के तहत रॉकेट लॉन्‍च करेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस यान को 15 जुलाई रात 2 बजकर 51 मिनट पर लॉन्‍च करेगा। इसका भार 640 टन है और इसके निर्माण में 375 करोड़ रुपए की लागत आई है।