अदालत में माफ़ी और बाहर फिर वही झूठ-प्रपंच, राहुल की ये कुटिल-नीति जनता खूब समझती है!
क्या इस बात से इनकार किया जा सकता है कि कांग्रेस का सबसे बड़ा नेता झूठ का सहारा लेता है, गैर जिम्मेदाराना बयान देता है, सच्चाई को देश के सामने तोड़ मरोड़कर पेश करता है। यह तो अच्छा हुआ कि भाजपा नेता और वकील मिनाक्षी लेखी ने सच को देश के सामने लाने का काम किया और अदालत के माध्यम से सब कुछ देश के सामने आ गया।
‘चौकीदार चोर है’ का नारा उछालने के कारण अब बुरे फँसे राहुल गांधी
कोर्ट ने राहुल गांधी को लताड़ लगाते हुए सफाई मांगी और पूछा कि अदालत ने प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘चौकीदार चोर’ जैसे शब्दों का प्रयोग कब किया है? इसकी सुनवाई स्वयं मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की बेंच ने की और कहा कि कोर्ट ने ऐसी टिप्पणी नहीं की है। राहुल ने कोर्ट के वक्तव्य को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। कोर्ट ने राहुल को 22 अप्रैल तक जवाब पेश करने की मोहलत दी है और मीनाक्षी लेखी की याचिका पर 23 अप्रैल को सुनवाई होनी है।
इजरायल के चुनाव में भी चर्चित और कामयाब रहा ‘चौकीदार’ अभियान
यह संयोग था कि इजरायल के आम चुनाव में भी चौकीदार पर खूब चर्चा हुई। इतना ही नहीं, यह मुद्दा कारगर भी हुआ। इसे उठाने वाले नेतन्याहू की सत्ता में वापसी सुनिश्चित हो गयी है। सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी ने प्रधानमंत्री वेन्जामीन नेतन्याहू को ‘मिस्टर सिक्यूरिटी’ यानी चौकीदार के रूप में पेश किया था। देखते ही देखते यह चुनाव का सर्वाधिक चर्चित मुद्दा बन गया। विपक्षी