कभी ‘जनेऊधारी हिन्दू’ तो कभी मुस्लिम लीग के झंडे, ये दोहरापन ही कांग्रेस का असल चरित्र है!
बहुत दिन नहीं बीते जब राहुल खुद को जनेऊधारी हिंदू बताते थक नहीं रहे थे और गोत्र का भी प्रचार करते फिर रहे थे। और जब मुस्लिम बाहुल्य सीट पर पहुंचे तो मुस्लिमों का ध्रुवीकरण करने के लिए मुस्लिम प्रतीकों को प्रदर्शित करते झंडों के जरिये ध्रुवीकरण की कोशिश करने लगे। लेकिन विडंबना देखिये कि ‘वंदे मातरम’ और ‘जय श्री राम’ कहने में
मौका देखकर चेहरा बदलने में माहिर है कांग्रेस
मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस की तरफ से कमलनाथ प्रदेशाध्यक्ष की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं। ऐसे में उनके किसी भी कथन या कार्य को हल्के में नहीं लिया जा सकता। लेकिन अब उनका एक वीडियो कांग्रेस के लिए मुसीबत बन रहा है, क्योंकि यह उंसकी चुनावी रणनीति की कलई खोलने वाला है।
जाति-धर्म की राजनीति से ऊपर कब उठेगी कांग्रेस?
लोकसभा चुनाव का माहौल बनने लगा है। इसके मद्देनजर राजनीतिक दलों की रणनीतियां भी आकार लेने लगी हैं। सत्तारूढ़ भाजपा जहां मोदी के नेतृत्व में विकास को मुद्दा बनाती नजर आ रही, वहीं कांग्रेस का जोर जाति-धर्म के समीकरण साधने की ओर दिख रहा। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी हिन्दू उपासना स्थलों की यात्रा के जरिये अपनी हिन्दूवादी छवि बनाने की कोशिश