गीता प्रेस प्रकरण : एक बार फिर बेनकाब हुआ कांग्रेस का हिंदू विरोधी चेहरा!
गीता प्रेस गोरखपुर को 2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा के साथ ही कांग्रेस का हिंदू धर्म विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया।
मोदी की आलोचना करने वाले कांग्रेसी नेता अब उनकी तारीफ़ क्यों करने लगे हैं?
वर्षों से मोदी विरोधी नकारात्मक राजनीति करने वाली कांग्रेस पार्टी को सद्बुद्धि आने लगी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने खुलेआम स्वीकार किया कि 2019 में मोदी सरकार की वापसी में उसके द्वारा 2014 से 2019 के बीच किए गए कार्यों की अहम भूमिका रही है। इसके बाद तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में बोलने की होड़ लग गई।
कांग्रेस की सल्तनत तो चली गयी, लेकिन अकड़ अब भी सुल्तानों वाली है !
राजा के सिपहसालारों का काम होता है, वह राजा को हमेशा सच बताएं। अब राजा सच सुने या नहीं, यह उसपर निर्भर करता है। राजहित में यह ज़रूरी है कि राजा अपने सलाहकारों की बात सुने और उस पर अमल भी करे। जो ऐसा नहीं करता उसका पतन अवश्यम्भावी हो जाता है। देश की सबसे पुरानी पार्टी है इंडियन नेशनल कांग्रेस, फ़िलहाल इसी तरह के संकट से गुजर रही है।