भाषाई मर्यादा से बेपरवाह विपक्ष
पहले भी राजनीति में पक्ष-विपक्ष के बीच आरोपों के दौर चलते थे, लेकिन भाषाई गरिमा का लोप नहीं होता था। नेता तंज़ करते थे, मगर किसीकी तौहीन नहीं की जाती थी।
सत्ता के गलियारे तक पहुंचते आम लोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी शोर-शराबे के जमीन से जुड़े आम लोगों को सत्ता के गलियारे तक पहुंचा रहे हैं। यही कारण है कि वंचित वर्गों के नाम पर राजनीति करने वाले नेताओं व दलों की जमीन खिसकने लगी है।