भारतीय परंपरा में धर्म और विज्ञान के बीच विरोध नहीं, एकात्म भाव की प्रतिष्ठा है
आज इसरो प्रमुख यदि कह रहे कि विज्ञान के सिद्धांत वेदों से निकले हैं, तो इससे ही सिद्ध हो जाता है कि भारत में धर्म और विज्ञान के बीच कोई विरोध नहीं है।
धर्मपालन के आदर्श प्रतिमान हैं राम !
श्रीराम के चरित्र में धर्म के समस्त लक्षणों का सम्यक् निर्वाह मिलता है। वनवास के समय धैर्य का जैसा अपूर्व प्रदर्शन राम ने किया वैसा अन्यत्र दुर्लभ है।
जन्माष्टमी विशेष : श्रीकृष्ण की धर्म नीति
लोकमंगल के निर्मल-जल में ही धर्म का कमल खिल सकता है। कृष्ण की धर्मदृष्टि इसी दर्शन से अनुप्राणित है। इसीलिए धर्म के संदर्भ में शाश्वत है, सार्वभौमिक है।
भारत के रोम रोम में बसते हैं श्रीराम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 अगस्त, 2020 को अयोध्या जाकर भव्य-दिव्य राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे और करोड़ों भारतीयों का सपना साकार करेंगे।
‘सनातन संस्कृति ही अन्धकारग्रस्त विश्व को नवीन आलोक-पथ पर ले जाएगी’
हिंदुत्व की धारा से निकली राष्ट्रीयता अंतर्राष्ट्रीयता या अखिल मानवता के विरुद्ध कदापि नहीं जाती। बल्कि अखिल मानवता का चिंतन यदि कहीं हुआ है तो इसी हिंदू-चिंतन में हुआ है या उससे निकले भारतीय पंथों में ही उसके स्वर सुनाई पड़ते हैं।
अज्ञानतापूर्ण और आपत्तिजनक है कृष्ण पर प्रशांत भूषण की टिप्पणी
कभी आतंकी याकूब मेमन की फांसी को रोकने के लिए रतजगा करने वाले प्रशांत भूषण ने उत्तर प्रदेश में एंटी-रोमियो स्क्वाड का विरोध करते हुए भगवान श्रीकृष्ण पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। हालांकि उनकी यह टिप्पणी मुझे अधिक हैरान नहीं करती, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवनकाल में अनेक आतंकवादियों (राक्षसों) का वध किया था, इसलिए बहुत स्वाभाविक है कि याकूब मेमन जैसे आतंकवादियों के