कोरोना राहत पैकेज : लॉकडाउन में गरीबों और अर्थव्यवस्था के हितों को सुरक्षित रखने की पहल
कोरोना वायरस मानव अस्तित्व के लिये आज एक बड़ा खतरा बन गया है, जिससे बचने के उपाय फिलहाल बहुत ही कम दिख रहे हैं। सुधारात्मक उपायों को देर से अमलीजामा पहनाने वाले देशों को धीरे-धीरे यह अपनी चपेट में ले रहा है। सुधारात्मक उपाय नहीं करने पर इसका प्रकोप क्रमिक रूप से आगे बढ़ता है। पहले चरण में यह लोगों को गंभीर नहीं लगता है, लेकिन दूसरे चरण
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद के पटल पर बजट-2020-21 प्रस्तुत किया। इस बजट में समाज के प्रत्येक क्षेत्र तक पहुँचने की नीतिगत मंशा दिखाई देती है। यूँ तो यह बजट सबके लिए कुछ न कुछ लेकर आया है, फिर भी इसे मुख्यतः किसान केन्द्रित कहा जा सकता है।
बजट 2020 : अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला एक सर्वस्पर्शी बजट
आम बजट में किये गये प्रावधानों से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की प्रबल संभावना है। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग क्षेत्र, प्रत्यक्ष एवं अ प्रत्यक्ष कर में राहत देने, रेलवे एवं कुछ अन्य क्षेत्रों में पीपीपी मॉडल अपनाने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है। अंतिम उपभोग व्यय में तेजी लाने से स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन
‘सबका साथ सबका विकास’ की संकल्पना को साकार करने वाला बजट बनाने में जुटी सरकार
वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाने वाला है और बजट पेश करने से एक दिन पहले यानी 31 जनवरी को “आर्थिक सर्वे” जारी किया जायेगा। वित्त वर्ष 2015-16 के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब आम बजट शनिवार को पेश किया जायेगा। मोदी सरकार ने निर्णय लिया है कि अब हर साल 1 फरवरी को बजट पेश किया जायेगा। इससे पहले फरवरी के अंतिम सप्ताह में बजट पेश किया जाता था। अपने पहले कार्यकाल में मोदी सरकार ने आम बजट एक महीने पहले पेश करने का
पीएमसी ग्राहकों को राहत देने की पहल
दो दिसंबर को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया कि पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के 78 प्रतिशत खाताधारक अपना पैसा निकाल चुके हैं। धन निकासी की सीमा को भी बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है। बीमारी, शादी एवं अन्य गंभीर स्थितियों में खाताधारक खाते से एक लाख रुपये भी निकाल सकते हैं। सरकार द्वारा राहत देने से बैंक के अधिकांश छोटे जमाकर्ताओं की समस्याओं का समाधान हो गया है।
सरकार की विनिवेश नीति से अर्थतंत्र को मिलेगी गति
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने आम बजट, 2019 पेश करते हुए कहा था कि सरकार गैर-वित्तीय सार्वजनिक क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी बेचने का सिलसिला जारी रखेगी। आम बजट, 2019 में सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विनिवेश लक्ष्य बढ़ाकर 1.05 लाख करोड़ कर दिया, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में विनिवेश का लक्ष्य 80 हजार करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष के
फिर एकबार कारोबारी सुगमता रैंकिंग में भारत की ऊंची छलांग!
विश्व बैंक हर साल “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” या कारोबारी सुगमता के संबंध में वैश्विक रैकिंग जारी करता है। “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस 2020”की रैकिंग में भारत 190 देशों की सूची में 14 स्थानों की छलांग लगाते हुए 77वें स्थान से 63वें स्थान पर पहुँच गया है। इतना ही नहीं भारत को देश में कारोबार का माहौल बेहतर करने के लिये सर्वश्रेष्ठ देश के रूप में चुना गया है।
सरकारी पूँजीगत व्यय में वृद्धि से विकास को मिलेगी गति
पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्र सरकार के सभी विभागों और सावर्जनिक क्षेत्र की गैर-बैंकिंग कंपनियों के प्रमुखों से अगली चार तिमाहियों में अपनी पूंजीगत व्यय की जरूरतों का पूरा खाका तैयार करने को कहा गया। वित्त मंत्री ने सभी विभागों और सावर्जनिक क्षेत्र की गैर-बैंकिंग कंपनियों के प्रमुखों से अगली चार तिमाहियों के लिए पूंजीगत व्यय की उनकी योजना
वित्त मंत्री की हालिया घोषणाओं से अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ़्तार
वित्त मंत्री की हालिया घोषणा से शेयर बाजार में रौनक लौट आई है। घोषणा के दिन सेंसेक्स में 1,921.15 अंकों की बढ़त और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी में 500 अंकों की बढ़त देखी गई। यह पिछले दस वर्षों में सर्वाधिक है। माना जा रहा है कि सरकार के इन कदमों से मांग और खपत में बढ़ोतरी होगी तथा अर्थव्यवस्था तेज रफ़्तार पकड़ेगी।
वित्त मंत्री के नए ऐलानों से अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति
भारत सहित समूचे विश्व में इन दिनों आर्थिक मंदी की बात हो रही है। लेकिन पिछले दिनों एप्पल आईफोन के सालाना लॉन्चिंग कार्यक्रम के बाद भारतीयों की ओर से इस महंगे मोबाइल फोन के लिए बड़ी संख्या में की गई बुकिंग के बाद मंदी जैसा शब्द असंगत लगने लगा। जहां तक वैश्विक मंदी की बात है, यह वर्ष 2008 में आई थी और 2009 के अंत तक इसका असर रहा था।