जयंती विशेष : साहस, स्वाभिमान एवं स्वानुशासन के जीवंत प्रतीक थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस
सुभाष चंद्र बोस द्वारा दिए गए नारे ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा’, ‘दिल्ली चलो’ या ‘जय हिंद’ – प्रमाणित करते हैं कि वे युवाओं के मन और मिज़ाज की कितनी गहरी समझ रखते थे!
‘एक परिवार को बड़ा बनाने के लिए नेताजी के योगदान को भुलाया गया’
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा आज़ाद हिंद सरकार के गठन के पचहत्तरवीं वर्षगाँठ पर दिल्ली के लाल किले पर एक अलग ही दृश्य देखने को मिला। भारत रत्न नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का सपना था कि देश जब आज़ाद होगा उस दिन वह लाल किले से तिरंगा फहराएंगे, उस सपने को नेताजी की आजाद हिन्द सरकार की पचहत्तरवीं वर्षगाँठ पर पूरा कर दिखाया प्रधानमंत्री नरेन्द्र