अमेरिका की नयी अफगानिस्तान नीति से पाकिस्तान बाहर, भारत को होगा लाभ
‘मदरशिप ऑफ़ टेररिज्म’ यानी आतंकवाद पैदा करने वाले देश का दर्जा पिछले ही साल अक्टूबर के ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को दिया था। अब धीरे-धीरे दुनिया के महाशक्ति देश भी भारत की बात के समर्थन में उतरने खड़े होने लगे हैं। बीते 21 अगस्त को अमेरिका के प्रधानमंत्री डोनाल्ड ट्रम्प ने भी अपने भाषण में पाकिस्तान को आतंक फैलाने वाला देश कह दिया। ट्रम्प ने तीन बार अपने भाषण में
आतंकवाद पर हर तरफ से हमले की रणनीति से पस्त होते जा रहे आतंकियों के हौसले !
आज भारत लगातार आतंकवाद से डटकर मुक़ाबला कर रहा है। भारत में आतंकवाद से सीधे तौर पर प्रभावित राज्य जम्मू-कश्मीर में इन दिनों आतंकियों की शामत आई हुई है। एक तरफ सेना लगातार आतंकियों पर हमला बोल रही है, तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय सुरक्षा पाकिस्तान से फंड लेकर आतंकियों को पालने-पोसने वाले अलगाववादियों की नकेल कसने में लगी है। इधर अमेरिका ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन हिजबुल
पाकिस्तानी चीफ जस्टिस के इस बयान से समझा जा सकता है कि वहाँ हिन्दुओं की क्या दशा होगी !
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस साकिब निसार का नाम आपने कभी नहीं सुना होगा। लेकिन वे इन दिनों खबरों में है। उन्होंने कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में हिन्दू शब्द बोलने तक से इंकार कर दिया था। आप यह भी कह सकते हैं कि उन्होंने हिन्दू शब्द का प्रयोग तक नहीं किया अपने एक भाषण के दौरान। पाकिस्तान की स्थापना विषय पर आयोजित एक सेमिनार में वे कह रहे थे कि पाकिस्तान दुनिया के नक्शे पर टू नेशनल थ्योरी
सेना ने अब जो ‘रणनीति’ अपनाई है, वो घाटी में आतंक की कमर तोड़ देगी !
कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सेना का अभियान जोरशोर से चल रहा है। इसी क्रम में सेना को बीते सप्ताह बड़ी सफलता मिली। पुलवामा में सुरक्षाबलों ने लश्कर के कमांडर आतंकी अबु दुजाना सहित दो अन्य आतंकियों को मार गिराया। हिजबुल कमांडर बुरहान वानी, लश्कर कमांडर जुनैट मट्टू और सब्जार भट जैसे बड़े आतंकियों के मारे जाने के बाद अब दुजाना के खात्मे को बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। जुनैद
वे कौन लोग हैं, जो पाकिस्तानी लोकतंत्र की तथाकथित महानता पर लहालोट हो रहे !
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा पेपर्स मामले में वहाँ की अदालत द्वारा संसद सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा क्या दिया कि इधर भारत में सोशल मीडिया पर वे ट्रेंड करने लगे। सोशल मीडिया से लेकर मुख्यधारा की मीडिया तक पाकिस्तान और नवाज शरीफ की चर्चा चल पड़ी। इनमें ‘कुछ लोग’ (इनमें ज्यादातर वही अंधविरोधी थे जिन्हें मोदी सरकार के
अलगाववादियों पर सरकार की सख्ती से कश्मीर में टूटेगी आतंक की कमर
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इन दिनों अलगाववादी नेताओं की धरपकड़ की कार्रवाई में लगी है। यह कार्रवाई कश्मीर में आतंकवाद को लेकर की जा रही फंडिंग की जांच के तहत की गई है। कुछ महीनों पहले एक चैनल के स्टिंग में अलगाववादी नेता नईम ने कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए अलगाववादियों को पाकिस्तान से फंडिंग होने की बात कही थी, जिसके बाद एनआईए इस मामले की जांच में लग गयी थी। अब इसी मामले
चीन प्रेम में डूबे पाकिस्तान को अंदाजा भी नहीं है कि चीन उसे गुलाम बनाने की तैयारी कर रहा !
आज पाकिस्तान की ज़मीन पर चीन की बढ़ती गतिविधियों से पाकिस्तान को तो भविष्य में खतरा है ही, लेकिन इकॉनोमिक कॉरिडोर के बहाने चीन ऐसी व्यूहरचना कर रहा है, जिससे भारत को भी अत्यधिक सावधान रहने की ज़रुरत है। इसी कारण भारत सरकार द्वारा इस कॉरिडोर का लगातार विरोध किया जाता रहा है। बहरहाल, हम यहाँ ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में यह समझाने की कोशिश करेंगे कि किस तरह चीन का नव-
मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक सफलता, अब अमेरिका ने भी माना पाक को आतंकी देश
भारत लंबे समय से पाक परस्त आतंकवाद से पीड़ित रहा है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वैश्विक मंच से आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरते रहे हैं। भारत संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य वैश्विक मंचों के माध्यम से इस बात पर लगातार जोर देता रहा है कि पाक जैसे देश जो विश्व शांति के लिए खतरा बनते जा रहे हैं, उन्हें आतंकी देश की सूची में शामिल किया जाए। भारत की इस मुहीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है।
अमेरिका द्वारा सलाहुद्दीन को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने से हलकान हुआ पाक
सलाहुद्दीन कश्मीर में पाक प्रायोजित आतंकवाद का चेहरा है और हिजबुल मुजाहिदीन घाटी में सक्रिय सबसे पुराना आतंकी संगठन है। आतंकी फंडिंग को लेकर पहले ही पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की जांच का सामना कर रहा है। जाहिर है, ऐसे में अब सलाहुद्दीन के मुद्दे पर पाकिस्तान की असहजता व बेचैनी प्रकट हो रही है। वो सलाहुद्दीन के बचाव में दलीलें दे
एससीओ की सदस्यता से पाकिस्तान को घेरने के लिए भारत को मिला एक और मंच
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ के सदस्य देशों के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। अपने संबोधन में उन्होंने भारत को सदस्य चुनने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आंतकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है और इससे हमे मिलकर निपटना होगा। उन्होंने थ भी कहा कि आतंकवाद मानव अधिकारों और मानव मूल्यों के सबसे बड़े उल्लंघनकारियों में से एक है। जब तक आतंकियों