कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण में जुटी मोदी सरकार
केंद्र सरकार इस समय किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दुगना करने के उद्देश्य से मिशन मोड में कार्य कर रही है। हाल ही में संसद में प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट में भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण हेतु कई उपायों की घोषणा की गई है। केंद्रीय बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 16-सूत्रीय कार्ययोजना पर बल दिया है।
बजटीय प्रावधानों से बैंक होंगे मजबूत, अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति
बैंकों को अर्थव्यवस्था का मूल आधार माना जा सकता है। इन्हें मजबूत किये बिना हम अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने की परिकल्पना नहीं कर सकते हैं। भारत को 2024 तक 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये बैंकिंग क्रेडिट को मौजूदा स्तर से दोगुना करना जरूरी है जिस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद के पटल पर बजट-2020-21 प्रस्तुत किया। इस बजट में समाज के प्रत्येक क्षेत्र तक पहुँचने की नीतिगत मंशा दिखाई देती है। यूँ तो यह बजट सबके लिए कुछ न कुछ लेकर आया है, फिर भी इसे मुख्यतः किसान केन्द्रित कहा जा सकता है।
बजट 2020 : अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला एक सर्वस्पर्शी बजट
आम बजट में किये गये प्रावधानों से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की प्रबल संभावना है। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग क्षेत्र, प्रत्यक्ष एवं अ प्रत्यक्ष कर में राहत देने, रेलवे एवं कुछ अन्य क्षेत्रों में पीपीपी मॉडल अपनाने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है। अंतिम उपभोग व्यय में तेजी लाने से स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन
‘सबका साथ सबका विकास’ की संकल्पना को साकार करने वाला बजट बनाने में जुटी सरकार
वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाने वाला है और बजट पेश करने से एक दिन पहले यानी 31 जनवरी को “आर्थिक सर्वे” जारी किया जायेगा। वित्त वर्ष 2015-16 के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब आम बजट शनिवार को पेश किया जायेगा। मोदी सरकार ने निर्णय लिया है कि अब हर साल 1 फरवरी को बजट पेश किया जायेगा। इससे पहले फरवरी के अंतिम सप्ताह में बजट पेश किया जाता था। अपने पहले कार्यकाल में मोदी सरकार ने आम बजट एक महीने पहले पेश करने का