ओआईसी सम्मेलन: भारतीय विदेश नीति में जुड़ा नया अध्याय
ओआईसी द्वारा भारत को अपने सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में बुलाना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए मेजबान और अन्य सदस्य देशों ने पाकिस्तान की गुहार को भी नजरअंदाज कर दिया। वह भारत को रोकने के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन उसकी एक न सुनी गई। जबकि पाकिस्तान इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल रहा है।
सरकार की बड़ी कूटनीतिक सफलता है वीर अभिनंदन की सकुशल वापसी
पराक्रम, शौर्य और अदम्य साहस भारतीय सेना के पर्यायवाची शब्द हैं। जब हम कहते हैं कि हमारी सेना सभी तरह की स्थितियों का सामना करने को तैयार है, तो इसका उदारहण हम मिग-21 के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन के साहस से समझ सकते हैं।
‘पाकिस्तान की आधी हार हो चुकी है, अब उसपर सम्पूर्ण विजय का समय है’
यह सेना की बहुत बड़ी सफलता है कि उसने पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद गाज़ी को आखिरकार मार गिराया हालांकि इस ऑपरेशन में एक मेजर समेत हमारे चार जांबांज सिपाही वीरगति को प्राप्त हुए। देश इस समय बेहद कठिन दौर से गुज़र रहा है क्योंकि हमारे सैनिकों की शहादत का सिलसिला लगातार जारी है।
सब तरफ से घिरता जा रहा आतंक का सरगना पाकिस्तान
पाकिस्तान आज के समय में आतंकवाद का सबसे बड़ा पनाहगाह बन गया है। भारत से अलग होकर पाकिस्तान चाहता तो दक्षिण एशिया में अपनी एक अलग पहचान बना सकता था लेकिन भारत से मुकाबले की सनक ने उसे एक आतंकवादी देश बना दिया।
भारत के नाम रहा इस वर्ष का जी-20 शिखर सम्मेलन!
जी-20 विश्व का प्रायः सर्वाधिक मजबूत वैश्विक संगठन माना जाता है। वैश्विक मामलों में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसमें भी पांच छह देश अधिक शक्तिशाली हैं। इसी के अनुरूप सम्मेलनों में इन्हें स्थान मिलता था। भारत विकसित देशों में शामिल नहीं है। फिर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे सम्मेलनों में भारत की गरिमा को बढ़ाया है। इस बार सम्मेलन में भारत के महत्व को इसी
एस-400 के अलावा भारत-रूस के बीच हुए कई और महत्वपूर्ण समझौते
अमेरिकी प्रतिबंध की परवाह न करते हुए भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक सौदा किया, जिस पर पूरे विश्व की निगाहें थीं। यह भारत की महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है। एस-400 की बड़ी उपलब्धि के अलावा भारत ने रूस की सरकार के साथ अन्य समझौते भी किए जो कि दोनों देशों के संबंधों की दृष्टि से काफी अहम माने जा
ये छप्पन इंच की छाती का ही दम है कि अमेरिकी धमकियों के बावजूद रूस से रक्षा सौदा हो सका!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबित किया कि उनके लिए राष्ट्रीय हित और सुरक्षा सर्वोच्च है। इसके लिए देश के भीतर कांग्रेस और बाहर अमेरिका का विरोध उनके लिए कोई मायने नहीं रखता। उन्होंने रूस के साथ एस-400 मिसाइल डिफेन्स सिस्टम के रक्षा सौदे को अंजाम तक पहुंचाया। अमेरिका ने इस समझौते को रोकने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। कांग्रेस राफेल की तरह इस
टू प्लस टू वार्ता : भारत-अमेरिका संबंधों में मील का पत्थर साबित होगा कॉमकासा समझौता!
अमेरिका से टू प्लस टू प्लस वार्ता करने वाला भारत तीसरा देश है। इससे पूर्व उसकी इस स्तर की वार्ता केवल आस्ट्रेलिया और जापान से थी। यह प्रयोग सफल रहा। दोनों देशों के बीच कॉमकासा करार हुआ। नाटो देशों के अलावा केवल तीन देशों के साथ अमेरिका का यह समझौता है। ‘कॉमकासा’ अर्थात कम्युनिकेशंस एंड इन्फॉर्मेशन ऑन सिक्युरिटी मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट
8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना भारत!
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की श्रेणी में ले जाने के लिये जब सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वार्षिक वृद्धि दर को दहाई अंकों में ले जाने की बात कही, तो लोगों को यह बात कोरी कल्पना लगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार देश में कारोबार करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिये विगत 4 सालों में अनेक कदम उठाये
हमें समझना होगा कि आजादी का मतलब सिर्फ अधिकार नहीं, कर्तव्य भी है!
आज देश अपना बहत्तरवां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। ऐसे में इस सवाल पर चर्चा होनी चाहिए कि आखिर स्वतंत्रता से हम क्या समझते हैं? आजादी का हमारे लिए क्या मतलब है ? एक स्वतंत्र देश में हमें क्या करना चाहिए? आज यह सवाल हमें हमें खुद से बार-बार पूछने चाहिए