भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर के लम्बे समय तक मजबूत बने रहने की दिख रही संभावना
भारतीय अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में मदद मिल रही है। कोरोना महामारी के दौर में अप्रेल 2020 के बाद से देश में डिजिटल भुगतान बहुत तेजी के साथ बढ़े हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे वित्तीय संस्थान
सरकार की नीतियों के क्रियान्वयन में वित्तीय संस्थानों की सकारात्मक भूमिका की वजह से कोरोना काल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार आ रहा है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे बैंक
देश में लगभग 1.30 लाख से अधिक बैंक शाखाओं का नेटवर्क है। प्रधानमंत्री जनधन योजना की मदद से लगभग 40 करोड़ लोग बैंक से जुड़े चुके हैं। इस वजह से बैंक ज्यादा किसानों और लघु, छोटे एवं मझौले कारोबारियों को ऋण दे पा रहे हैं।
येस बैंक प्रकरण से घबड़ाने की जरूरत नहीं, बहुत मज़बूत है भारतीय बैंकिंग उद्योग
भारतीय बैंकिंग उद्योग आज बहुत ही मज़बूत स्थिति में है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू पूँजी पर्याप्तता सम्बंधी बाज़ल कमेटी के नियमों को भारतीय बैंकों में लागू किया जा चुका है एवं आज भारत में कई सरकारी क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र के बैंकों का पूँजी पर्याप्तता अनुपात बेंचमार्क से कहीं अधिक है। अतः यह पूरी उम्मीद की जानी चाहिए कि येस बैंक में आए
बैंकों के एकीकरण से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय की दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए 30 अगस्त को मोदी सरकार ने 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय की घोषणा कर दी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतरामण के अनुसार अगले 5 सालों में पाँच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये देश में बड़े बैंकों का होना जरूरी है।