भगिनी निवेदिता : मार्गरेट नोबल से निवेदिता तक की यात्रा
स्वामीजी द्वारा बताई गयी सब चुनौतियों को स्वीकार करते हुए मार्गरेट नोबेल 28 जनवरी,1898 को अपना परिवार, देश, नाम, यश छोड़कर भारत आती हैंI
स्वामीजी द्वारा बताई गयी सब चुनौतियों को स्वीकार करते हुए मार्गरेट नोबेल 28 जनवरी,1898 को अपना परिवार, देश, नाम, यश छोड़कर भारत आती हैंI