आयुष्मान भारत योजना से प्रेरित होकर उत्तराखंड सरकार ने भी की स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी पहल
स्वतंत्रता के पश्चात देश में सरकारों ने आम आदमी को केंद्र में रखकर तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कीं और कई नारे दिए। मगर ज्यादातर सरकारों की नीति और नीयत साफ ना होने के कारण तमाम योजनाएं ढकोसला ही साबित हुई हैं। इन योजनाओं ने आम आदमी के बजाय योजनाकारों को ही लाभ पहुंचाया और उनकी संपन्नता में बढ़ोतरी की।
आयुष्मान भारत : किसको और कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ, जानिये सब बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की राजधानी रांची से प्रधानमंत्री “आयुष्मान भारत” कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) की औपचारिक शुरुआत 23 सितंबर, 2018 को की। इस योजना को ‘मोदी केयर’ के नाम से भी जाना जाता है। इसे आजादी के बाद की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना माना जा रहा है। इस योजना के तहत गरीब परिवारों को
मोदी केयर : आम जन के स्वास्थ्य की सुध लेने वाली योजना
सरकार ने वित्त वर्ष, 2019 के बजट में “आयुष्मान भारत” कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) नाम से एक नई योजना की घोषणा की है। इसे मोदी केयर भी कहा जा रहा है। इसके अंतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का प्रस्ताव है। इस योजना के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवार (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) लाभान्वित होंगे और
मोदी केयर : गरीबी उन्मूलन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी ये योजना
अब तक की सरकारें गरीबों को दान-दक्षिणा वाली योजनाओं में उलझाए रखती थीं ताकि वोट बैंक की राजनीति पर आंच न आए। यही कारण है कि गरीबी उन्मूलन की सैकड़ों योजनाओं और लाखों करोड़ रूपये खर्च करने के बावजूद गरीबों की तादाद में अपेक्षित कमी नहीं आई। मोदी सरकार इन सबसे अलग है, क्योंकि वह गरीबों को समर्थ बना रही है ताकि वे उदारीकृत अर्थव्यवस्था में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें।