‘जीएसटी वही सरकार लागू कर सकती थी जो देशहित में यश-अपयश दोनों के लिए तैयार हो’
जीएसटी अब देश की एक सच्चाई है। कांग्रेस पार्टी अब इस पर लकीर पीटने का कार्य कर रही है। उसके द्वारा की जा रही नुक्ताचीनी से इतना तो साफ है कि वह कभी इसे लागू नहीं कर सकती थी। कांग्रेस इसे अपने शासन में इसे लागू नहीं कर सकी। यह शर्मिंदगी भी उसे परेशान कर रही है। इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताना इसी मानसिकता को प्रदर्शित करता है।
मूडीज रिपोर्ट : राजकोषीय घाटे को कम करने में कामयाब रहेगी मोदी सरकार
मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस के अनुसार भारत चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.3 प्रतिशत पर रखने के लक्ष्य को हासिल कर लेगा। बजटीय लक्ष्य को पाने के लिए सरकार पूँजीगत खर्च में कटौती कर सकती है। सरकार द्वारा ऐसा पूर्व के वर्षों में किया भी गया है। चूँकि, सरकार ने कच्चे तेल के दाम में वृद्धि होने पर भी पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती नहीं की
मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों से बढ़ा कर संग्रह, विकास दर में हो रहा इजाफा !
निवेश एवं व्यय बढ़ाने की सरकारी कोशिशों की वजह से वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पिछली सात तिमाहियों के सर्वाधिक स्तर 7.7 प्रतिशत पर पहुँच गई। उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2017-18 में आर्थिक वृद्धि दर मोदी सरकार के कार्यकाल के चार वर्षों में सबसे कम 6.7 प्रतिशत रही। हालाँकि, वित्त वर्ष 2017-18 की अंतिम तिमाही
‘कांग्रेस बैलगाड़ी की रफ़्तार से योजनाएं लागू करती थी, मोदी बुलेट जैसी तेजी दिखाते हैं’
कांग्रेस यह कहती रहती है कि मोदी सरकार ने उसकी अनेक योजनाएं को ही आगे बढ़ाया है, लेकिन यह कहने में कोई समझदारी नहीं है। क्योकि जब कांग्रेस अपनी योजनाओं की दुहाई देती है, तो उसकी और नरेंद्र मोदी की कार्यशैली का तुलनात्मक अध्ययन होने लगता है। तुलना करते ही स्पष्ट हो जाता है कि यदि कांग्रेस बैलगाड़ी की चाल से योजनाएं लागू करके काम शुरू करती थी, तो नरेंद्र मोदी बुलेट जैसी तेजी दिखाते हैं। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने लाखों करोड़ रुपये की योजनाएं अधूरी या लंबित छोड़ दी थीं। इसकी लागत
‘मोदी सरकार की नीति और नीयत दोनों ठीक हैं, इसलिए जनता का विश्वास बरक़रार है’
26 मई, 2014 का दिन था, जब नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। आज (26 मई, 2018) उनके कार्यकाल को 4 वर्ष पूरे हो गए हैं। 16 मई, 2014 वो तारीख थी, जिस दिन आम चुनावों के बाद हिन्दुस्तान की नई सियासी इबारत लिखी जा रही थी। लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को जनादेश दिया था और विशाल बहुमत के साथ एक गैरकांग्रेस दल की सरकार बनने जा
यातायात ही नहीं, रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है जोजिला सुरंग !
केंद्र की भाजपा नीत सरकार जम्मू-कश्मीर में तनाव और आतंक के साये में भी लगातार अधोसरंचनात्मक विकास का परचम लहरा रही है। 19 मई शनिवार का दिन देश के लिए एक अहम उपलब्धि भरा रहा। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को और जम्मू-कश्मीर को कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं समर्पित कीं। इस क्रम में सबसे पहला नाम है जोजिला सुरंग का, जो
मोदी सरकार की नीतियों का असर, सात वर्षों के सबसे उच्च स्तर पर पहुँचा रोजगार सृजन !
सेवा क्षेत्र में सुधार का दौर जारी है। कारोबारी गतिविधियां में तेजी आने और रोजगार सृजन के उच्च स्तर पर बने रहने से अर्थव्यवस्था में बेहतरी दृष्टिगोचर हो रही है। ‘निक्केई इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स’ अप्रैल महीने में 51.4 पर पहुँच गया, जो मार्च महीने में 50.3 पर था। नये कारोबारी माँग में वृद्धि और मुद्रास्फीति दबाव कम होने से माँग में सुधार आया है
सुरक्षा, विकास और राष्ट्रीय गौरव के चार वर्ष !
केंद्र में भाजपा की सरकार के चार वर्ष पूरे हो गए हैं। भाजपा ने यह मुकाम पूर्ण एवं प्रचंड बहुमत से हासिल किया था। दूसरे अर्थों में इसे ऐसे भी कहा जा सकता है कि जनता की पूरे मन से भाजपा को ही सत्ता में लाने की उत्कट कामना थी, जो नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के रूप में परिणित हुई। आज चार वर्षों बाद भाजपा ने उन सारे मतदाताओं का धन्यवाद अपनी उपलब्धियों एवं कार्यों के ज़रिये कर दिया है जिन्होंने पूरे
मोटे अनाजों के जरिए कृषि क्षेत्र को मजबूत करने में जुटी मोदी सरकार !
देश में किसानों की बदहाली की सबसे बड़ी वजह है, कांग्रेसी शासन काल की एकांगी कृषि विकास नीति। आज अनाज के भरे हुए गोदाम के बावजूद देश में कुपोषण की व्यापकता है, तो इसका कारण भी आजादी के बाद की कांग्रेसी सरकारों द्वारा लम्बे समय तक चलाई गयीं खेती की अदूरदर्शी नीतियां हैं।
मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों का दिखने लगा असर, चीन से आगे बढ़ा भारत!
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार भारत द्वारा किये जा रहे आर्थिक सुधारों का सकारात्मक परिणाम दिखने लगा है। आईएमएफ के उप प्रबंध निदेशक (प्रथम) डेविड लिप्टन के अनुसार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को अमलीजामा पहनाने से प्रणाली को पारदर्शी और कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी। लिप्टन के मुताबिक, बैंकों की समस्याओं से निपटने के लिये उठाये गये कदम समीचीन एवं महत्वपूर्ण हैं।