भारत की सर्जिकत स्ट्राइक से सहमा पाकिस्तान
उड़ी हमला पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी साबित होगा यह किसी ने भी नहीं सोचा था। भारत को चोट पर चोट देने की पाकिस्तान की एक आदत सी बन गयी थी, जिसमें उसे पूरी तरह विश्वास था कि भारत की तरफ से कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं होगी। पाकिस्तान पहले से ही कड़ी निंदा और सबूत वाले डोजियर को रद्दी की टोकरी में फेंकने का आदी रहा और भारत उसे बार-बार डोजियर सौंपने का। पाकिस्तान एक
सफलता की ओर स्वच्छ भारत अभियान, स्वच्छता के प्रति बढ़ रही जन-जागरूकता
2 अक्टूबर यानी गाँधी जयंती के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना “स्वच्छ भारत अभियान” ने अपनी सफलता के दो वर्ष पूरे कर लिए। जैसा कि हमें पता है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने “स्वच्छ भारत” का सपना देखा था, जो अब तक अधूरा है, इसे पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री ने इस योजना को शुरू किया था। गौरतलब है कि जबसे मोदी सरकार सत्ता में आई है, एक के बाद एक ऐसी योजनाओं का
भारत के आगे रणनीतिक और कूटनीतिक दोनों ही मोर्चों पर धराशायी हुआ पाक
श्रीनगर के उड़ी में भारतीय सेना के कैम्प पर पाक-प्रेरित आतंकियों द्वारा किए गए हमले और उसमें दो दर्जन जवानों के शहीद होने के बाद से ही देश में भीषण आक्रोश का माहौल व्याप्त था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकी हमले के बाद देश को आश्वस्त किया था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन, इस देश में पिछली सरकारों के दौरान ऐसे बयानों के क्रियान्वयन के रूप में ‘कड़ी निंदा’ से लेकर पाकिस्तान
भारतीय विदेश नीति से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब होता पाकिस्तान
उड़ी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही गरमा-गरमी के दरम्यान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संयुक्त राष्ट्र में होने वाले भाषण पर सबकी नजर थी। नवाज शरीफ इस बार के सम्मेलन को भारत के खिलाफ काफी कुछ हासिल करने वाला मान कर चल रहे थे, लेकिन नवाज का आतंकवादी बुरहान वानी को कश्मीरी युवा नेता करार देना उड़ी हमले पर संवेदना प्रकट न करना, ज्यादातर समय गैर
मोदी सरकार की कोशिशों से सुधर रही खादी उद्योग की दशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन का आह्वान करते रहते हैं। उनके मुताबिक यदि लोग अपने बजट का 5 फीसदी खादी पर खर्च करें तो हैंडलूम सेक्टर की बेरोजगारी दूर हो जाएगी। गौरतलब है कि 1920 के दशक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने गरीबी मिटाने और स्वावलंबन के लिए जिस चरखा-खादी की शुरूआत किया था वह जल्दी ही स्वाधीनता आंदोलन का सशक्त हथियार बन
मोदी सरकार की मुद्रा योजना से छोटे उद्यमियों के आएंगे अच्छे दिन!
देश के छोटे व्यापारियों के काम को बढ़ावा देने और उन्हें सक्षम बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। छोटे कारोबारियों के उद्योगों को बढ़ावा देने तथा बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने विशेष रूप से मुद्रा योजना का शुभारंभ किया है। मोदी सरकार की इस योजना को छोटे व्यापारियों के नजरिए से एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। मोदी सरकार की
उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान को हर स्तर पर पटखनी देने में जुटी मोदी सरकार!
उड़ी में पाक प्रायोजित आतंकी हमले में सेना २१ जवानों के शहीद होने के बाद से देश में आक्रोश का माहौल है। इसका बदला लेने और पाकिस्तान को सबक सिखाने जैसी बातें कही जा रही हैं। केंद्र की मोदी सरकार भी इस हमले से बेहद दुखी और पाकिस्तान के प्रति एकदम सख्त दिख रही है। हालांकि मोदी सरकार पाकिस्तान के प्रति सख्ती तो इस हमले से पहले ही दिखा रही थी, लेकिन अब वो सख्ती बहुत
प्रधानमंत्री आवास योजना से ख़त्म होगी बेघरी की समस्या, होगा सबका अपना घर!
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चुनावी ऐजेंडे में जिन चीजों को शामिल किया गया था, शपथ के पहले दिन से उन सभी पर पूरी निष्ठा से काम किया जा रहा है। अच्छे दिनों का जो नारा मोदी ने देश को दिया था, वह उसे जमीन पर कर्यान्वित करने की दिशा में भी पूरी तरह से कार्यरत दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष की शुरुआत में कहा था कि उनका सपना है कि २०२२ तक देश में सबका अपना घर हो। इस दिशा में प्रधानमंत्री
उड़ी हमले पर मोदी सरकार का सख्त रुख, दोषियों के खिलाफ उठाए जाएंगे कड़े कदम!
उड़ी में सैनिक छावनी पर हुए आतंकी हमले से पूरा देश शोकसंतप्त एवं सन्न है। पूरे देश की भावना, संवेदना, सहानुभूति और एकात्मता सैनिको और उनके परिवारो से जुड़ी हुई है, इसलिए इस हमले को पूरे देश पर हुए हमले के रूप में देखा जाना चाहिए। पिछले 30 वर्षो से पाकिस्तान इसी तरह का छद्म युद्ध लड़ता आ रहा है, जिसमें हमारी सेनाओ को केवल जवाबी कार्यवाही की अनुमति प्राप्त है। हमला कब और
मोदी सरकार की नीतियों से हर क्षेत्र में बदल रही देश की तस्वीर!
मोदी सरकार के अबतक के कार्यकाल पर एक दृष्टि डालें तो उसने गरीबों के हित में अनेक योजनाएं प्रारंभ की। गरीब परिवारों के लिए बैंकों के दरवाजे खुले, उनका बैंक अकाउंट खोला गया। गरीबों के बैंक अकाउंट को जीवन ज्योति बीमा, जीवन सुरक्षा बीमा और अटल पेंशन योजना के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा कवच से जोड़ा गया। डीबीटी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि गरीबों की सब्सिडी सीधे उनके