लॉकडाउन में श्रमिकों को घर पहुंचाकर रेलवे ने साबित किया कि वाकई में वो देश की जीवनरेखा है
भारत सरकार के प्रयासों और रेलवे के सक्रियतापूर्ण और समर्पण के साथ किए गए कार्यों ने लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों की कठिनाइयों को आसान करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
श्रमिकों के लिए भी आपदा को अवसर बनाने में जुटी सरकार
सरकार अब श्रमिकों को उनके हुनर, दक्षता और जानकारी के आधार पर स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया करा रही है। यह श्रमिकों के लिए आपदा में अवसर की तरह ही है।
चीन तो पीछे हट गया, कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर सतही राजनीति करने से कब पीछे हटेगी?
भारत-चीन के बीच सीमा पर चल रहा गतिरोध चीन के पीछे हटने के साथ समाप्त हो चुका है और डोकलाम प्रकरण के बाद एकबार फिर साबित हो गया है कि ये नए दौर का भारत है, जो अपनी राष्ट्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं करेगा।
कोरोना काल में भी वैश्विक वित्तीय संस्थानों के भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसे की वजह क्या है?
वैश्विक स्तर पर कई वित्तीय संस्थानों जैसे विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आदि ने वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर कोरोना महामारी के कारण होने वाले सम्भावित प्रभाव का आँकलन करने का प्रयास किया है।
प्रधानमंत्री मोदी के लद्दाख दौरे से साबित हो गया कि ये 1962 का भारत नहीं, 2020 का ‘नया भारत’ है
1962 के विपरीत प्रधानमंत्री मोदी न सिर्फ सेना को अत्याधुनिक हथियारों से लैस कर रहे हैं बल्कि सेना को स्थिति से निपटने के लिए पूरी छूट भी दे रखी है।
स्वामी विवेकानंद की दृष्टि में ‘आत्मनिर्भर भारत’
पश्चिम के अपने प्रथम प्रवास (1893-97) के दौरान स्वामीजी ने पश्चिम का भारत की तरफ देखने का नजरिया ही बदल दिया। भारत को उस समय सपेरों का, दासों का और अंधविश्वासियो का देश माना जाता था जो सालो से विदेशियों द्वारा गुलाम रहा हो।
एप बैन : चीन पर मोदी सरकार की ये डिजिटल स्ट्राइक देश के युवाओं के लिए एक अवसर है
ये सारे एप देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा भी थे। इन कारणों को मापदंड बनाकर इन्हें प्रतिबंधित किया गया। इन्हें लेकर सरकार को लंबे समय से शिकायतें प्राप्त हो रही थीं।
कोरोना संकट के दौर में यूपी सरकार ने जीता जनता का दिल, मुद्दाविहीन हुआ विपक्ष
हालांकि कोरोना के साथ जंग अभी जारी है, फिर भी सरकार के हौसले के सामने यह महामारी कई मायनों में नियंत्रित दिख रही है।
’सरकार से जवाब माँगना छोड़े, राजीव गांधी फाउंडेशन मामले में उठ रहे सवालों का जवाब दे कांग्रेस’
जिस तरह से राजीव गांधी फाउंडेशन का प्रकरण सामने आया है और कांग्रेस का चीनी चंदे का कनेक्शन खुला है, उसने नए सवाल खड़े किए हैं।
राजीव गांधी फाउंडेशन प्रकरण : क्या चंदे के लिए कांग्रेस ने देश के हितों की बलि चढ़ा दी ?
यह चीन से कांग्रेस पार्टी को मिले चंदे की करामात है कि यूपीए सरकार ने चीन से आयातित वस्तुओं पर आयात शुल्क में लगातार कमी की।