जी-20 : भारतीय विचार से निकल रही वैश्विक समस्याओं के समाधान की राह
जी-20 अध्यक्षता के दौरान भारत के अनुभव और ज्ञान का लाभ विश्व को, विशेषकर विकासशील देशों को मिलेगा। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि..
समरकंद से निकला सार्थक संदेश
भारत की नजर से देखें तो समरकंद में हुए एससीओ सम्मेलन में भारत की भूमिका बेहद प्रभावी रही और प्रधानमंत्री मोदी ने अपने व्यवसायिक हितों को शीर्ष पर रखा।
आर्थिक प्रगति के बल पर पुनः विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर भारत
नवीकरण ऊर्जा, डिजिटल व्यवस्था, स्टार्ट अप्स, ड्रोन, हरित ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में भी भारत अपने आप को तेजी से वैश्विक स्तर पर स्थापित कर रहा है।
मोदी सरकार में संशयमुक्त हो राष्ट्रीय हितों का प्रभावी साधन बनी भारतीय विदेश नीति
भारतीय विदेश नीति में यह पहला ऐसा दौर है जब वैश्विक संगठनों, वैश्विक मंचों और बहुराष्ट्रीय घटनाक्रमों में भारत मूकदर्शक नहीं, इनका सक्रिय भागीदार है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच विश्व पटल पर दिखा भारत की विदेश नीति का दम
रूस व अमेरिका दोनों के साथ संबंधों को साधना हो, इन सभी नीतियों के द्वारा भारत ने विदेश नीति के नए मानदंड स्थापित किए किए हैं।
एस-400 से मजबूत होगी भारत की रक्षापंक्ति
एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खासियत यह है कि यह एक बार में 72 मिसाइल दाग सकता है और 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एक साथ नष्ट कर सकता है।
भारतीय कूटनीति के नए शिल्पकार मोदी
सात वर्ष के ऐतिहासिक कालखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर भारत की सफलता और साख के नए कीर्तिमान गढ़े हैं।
यूएनएससी की खुली परिचर्चा की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने मोदी, बढ़ा देश का गौरव
देश में प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत नेतृत्व का असर विश्व में भारत की स्थिति पर भी पड़ा है। अब विश्व बिरादरी के लिए भारत को अनदेखा करना संभव नहीं रह गया है।
चीनी एप्प प्रतिबंधित होने पर देश के कुछ नेताओं-बुद्धिजीवियों के पेट में उठे दर्द की वजह क्या है?
चीन के एप्प को बैन किये जाने पर चीन से चिंतित और परेशान होने जैसी प्रतिक्रिया आनी अपेक्षित भी थी लेकिन हैरानी की बात ये है कि चीन से ज्यादा दुखी हमारे ही देश के कुछ नेता और बुद्धिजीवी नज़र आ रहे हैं।
एस-400 के अलावा भारत-रूस के बीच हुए कई और महत्वपूर्ण समझौते
अमेरिकी प्रतिबंध की परवाह न करते हुए भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक सौदा किया, जिस पर पूरे विश्व की निगाहें थीं। यह भारत की महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है। एस-400 की बड़ी उपलब्धि के अलावा भारत ने रूस की सरकार के साथ अन्य समझौते भी किए जो कि दोनों देशों के संबंधों की दृष्टि से काफी अहम माने जा