रेरा एक्ट : बिल्डरों की बदमाशियों पर लगेगी लगाम, साकार होगा अपने घर का सपना
रेरा क़ानून का प्रस्ताव पहली बार जनवरी, 2009 में राज्यों एवं संघ क्षेत्रों के आवास मंत्रियों की राष्ट्रीय बैठक में पारित किया गया था। पुनश्च: आवासीय और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के आठ वर्षों के लंबे प्रयास के बाद 01 मई, 2016 को इस कानून को अमलीजामा पहनाया गया एवं कुल 92 अनुच्छेदों में से 69 को अधिसूचित किया गया। देखा जाये तो इस अधिनियम का मकसद रियल्टी कंपनियों की गतिविधियों में
मोदी सरकार के इस क़ानून से पूरा होगा सबका अपने घर का सपना
अपनी छत का सपना किस हिन्दुस्तानी का नहीं होता। अब तक उनके इस सपने को दर्जनों धूर्त बिल्डर पूरा नहीं होने देते थे अपने लालच के कारण। पर अब उनकी करतूतें बंद होंगी। नौ वर्षों के लंबे इंतजार के बाद बीती सोमवार यानी 1 मई 2017 से रियल एस्टेट (रेग्युलेशन ऐंड डिवेलपमेंट) ऐक्ट यानी रेरा एक साथ पूरे देश में लागू हो गया है। इसके साथ ही लाखों घरों की चाहत रखने वालों के लिए उम्मीद पैदा हो गई कि