कांग्रेसी सरकारों की वोट बैंक की राजनीति का शिकार बनी भारतीय रेल
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश करके जो प्रतिमान स्थापित किया है वह आज की सत्तालोभी राजनीति में दुर्लभ है। सबसे बढ़कर जहां पूर्व रेलमंत्रियों के भष्टाचार के नित नए मामले उजागर हो रहे हैं वहीं सुरेश प्रभु के उपर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा। अपने इस्तीफे में रेल मंत्री ने लिखा है कि दशकों से उपेक्षित रेलवे की खामियां दूर करने में मैंने