विविधतापूर्ण भारतीय संस्कृति का सफल वाहक है हमारा लोक-साहित्य
किसी संस्कृति विशेष के उत्थान-पतन विषयक उतार-चढ़ावों का जितना सफल अंकन लोक-साहित्य में रहता है, उतना अन्यत्र नहीं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किसी भी संस्कृति की धूल उसकी आत्मा से जुड़ी होती है। अब अगर देश की बात की जाए तो भारतीय संस्कृति जितनी अधिक प्राचीन है, उतनी ही अधिक विभिन्न संस्कृतियों के सम्मिलित स्वरूप की वाहक भी। समय-समय पर विभिन्न संस्कृतियों ने इस