विज्ञान

भारतीय परंपरा में धर्म और विज्ञान के बीच विरोध नहीं, एकात्म भाव की प्रतिष्ठा है

आज इसरो प्रमुख यदि कह रहे कि विज्ञान के सिद्धांत वेदों से निकले हैं, तो इससे ही सिद्ध हो जाता है कि भारत में धर्म और विज्ञान के बीच कोई विरोध नहीं है।

भगवान शिव को अभी तक हमने जितना जाना है, उससे कहीं अधिक जानना शेष है

शिव का एक रूप अर्धनारीश्वर भी है और वे शिव लिंग के रूप में भी उपस्थित हैं। यह विशिष्टता दुनिया के किसी अन्यान्य देव रूपों में नहीं है।

विज्ञान ही नहीं, अध्यात्म के जरिये भी कोरोना से लड़ रहा भारत

शक्ति कोई भी हो दिशाहीन हो जाए तो विनाशकारी ही होती है लेकिन यदि उसे सही दिशा दी जाए तो सृजनकारी सिद्ध होती है। शायद इसीलिए प्रधानमंत्री ने 5 अप्रैल को सभी देशवासियों से एकसाथ दीपक जलाने का आह्वान किया जिसे पूरे देशवासियों का भरपूर समर्थन भी मिला। जो लोग कोरोना से भारत की लड़ाई में प्रधानमंत्री के इस कदम का वैज्ञानिक उत्तर खोजने में लगे हैं वे

जीसैट-29 : दुश्मन देशों के समुद्री जहाजों पर अब आसमान से नजर रखेगा भारत

अभी पिछले साल की ही बात है जब एक ही बार में 104 सेटेलाइट्स सफलतापूर्वक लांच करके भारत ने इतिहास रचा था और अपनी काबिलियत का लोहा सम्पूर्ण विश्व में मनवाया था। इस सफलता के बाद हम उन चंद देशों की सूची में शामिल हो गये हैं, जिनका खुद का सेटेलाइट नेविगेशन सिस्टम है। उसी क्रम में आगे बढ़ते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पुनः देश को गौरवान्वित होने का अवसर दिया है।

अंतरिक्ष क्षेत्र की बड़ी शक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक साथ 104 उपग्रहों को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित करने के साथ ही विश्व पटल पर अग्रणीय होने का दर्जा हासिल किया। इसके पहले एक साथ इतने सैटेलाइट कभी किसी देश ने नहीं छोड़े थे। इसके पूर्व यह रिकॉर्ड अभी तक रूस के पास था, जिसने 2014 में एक साथ 37 सैटेलाइट भेजने