भारतीय आर्थिक दर्शन के सहारे आगे बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था
भारत में पिछले 9 वर्षों में भारतीय आर्थिक दर्शन के सहारे किए गए कई आर्थिक निर्णयों के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था का इंजन अब तेज गति से पटरी पर दौड़ने लगा है।
भारत में तेज गति से बढ़ रही है नागरिकों की औसत आय
2014 में आय कर विवरणियां दाखिल करने वाले नागरिकों की औसत आय 4.4 लाख रुपए थी जो वित्तीय वर्ष 2023 में तीन गुना से भी अधिक बढ़कर 13 लाख रुपए हो गई है।
विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में केवल भारत ही एक चमकते सितारे के रूप में दिखाई दे रहा है!
विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, यूरोपीयन यूनियन आदि द्वारा लगातार यह कहा जा रहा है कि पूरे विश्व में इस समय सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में केवल भारत…
वास्तविकता से कोसों दूर है वैश्विक भुखमरी सूचकांक
विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की हालिया रिपोर्ट भी वैश्विक भुखमरी सूचकांक पर सवाल खड़े कर रही हैं। पिछले दिनों विश्व बैंक के अध्यक्ष ने माना था..
मोदी सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं से कम हो रही गरीबी
सरकार के प्रयासों से देश में गरीबी के स्तर में कमी आई है। मोदी सरकार के शासन में गरीबी हटाओ कोई हवा-हवाई नारा नहीं, बल्कि जमीन पर साकार हो रही हकीकत है।
मोदी सरकार की योजनाओं का दिख रहा असर, विश्व बैंक के अनुसार देश में कम हुई गरीबी
भारत में गरीबी पिछले एक दशक में 12.3 प्रतिशत कम हुई है। पिछले दो साल से महामारी की चुनौतियों से जूझते रहने के बावजूद गरीबी में कमी का यह आंकड़ा मन को सुकून देने वाला है।
कोरोना काल में भी वैश्विक वित्तीय संस्थानों के भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसे की वजह क्या है?
वैश्विक स्तर पर कई वित्तीय संस्थानों जैसे विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आदि ने वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर कोरोना महामारी के कारण होने वाले सम्भावित प्रभाव का आँकलन करने का प्रयास किया है।
फिर एकबार कारोबारी सुगमता रैंकिंग में भारत की ऊंची छलांग!
विश्व बैंक हर साल “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” या कारोबारी सुगमता के संबंध में वैश्विक रैकिंग जारी करता है। “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस 2020”की रैकिंग में भारत 190 देशों की सूची में 14 स्थानों की छलांग लगाते हुए 77वें स्थान से 63वें स्थान पर पहुँच गया है। इतना ही नहीं भारत को देश में कारोबार का माहौल बेहतर करने के लिये सर्वश्रेष्ठ देश के रूप में चुना गया है।
बद से बदतर होती पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था, खाने-पीने की चीजों में कटौती को मजबूर लोग
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय बेहद बुरे दौर में गुजर रही है। पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा उससे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीने जाने के बाद से उसकी हालत और खराब हुई है। अब बढ़ती महँगाई पर काबू पाने के लिये पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) से 6 अरब डॉलर कर्ज माँगा है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के प्रमुख अब्दुल हफीज़ शेख के अनुसार यह कर्ज पाकिस्तान,
मोदी सरकार के सुधारों का दिखने लगा असर, कारोबारी सुगमता की रैंकिंग में भारत की बड़ी छलांग!
विश्व बैंक की ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2018 में भारत कारोबारी सुगमता के लिहाज से 30 स्थान की लंबी छलांग लगाते हुए 190 देशों की सूची में 100 वें पायदान पर पहुँच गया। 30 अंकों की भारत की बड़ी छलांग इंगित करता है कि वर्तमान सरकार के सुधारात्मक उपायों के फल मिलने शुरू हो गये हैं। कारोबार के 10 में से 6 मापदंडों में भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया है।