हनुमान जयंती विशेष : सहजता और सकारात्मकता का संदेश देते हैं बजरंगबली
हनुमान जी रामकथा के संभवतः एकमात्र ऐसे प्रमुख पात्र हैं जिनकी उपस्थिति इस कथा में तो प्रमुखता से है ही, इसके इतर भी वे सक्रियता से उपस्थित दिखाई देते हैं।
भारतीय दर्शन को समझने के लिए आवश्यक है संस्कृत का ज्ञान
देश के उच्चतम न्यायालय ने संतोष कुमार बनाम मानव संसाधन विकास मंत्रालय (याचिका सं. 299, 1989) वाद (संस्कृत सम्बन्धी) के निर्णय की शुरुआत में एक बहुत ही गहन व रोचक घटना का उदाहरण दिया। वह उदाहरण भारतीयता व संस्कृत के सम्बन्ध को समझने में सहायक है। केम्ब्रिज विश्वविद्यालय का एक प्रोफेसर अपने शान्त कक्ष में अपने अध्ययन में डूबा हुआ है: एक उत्तेजित अंग्रेज सिपाही उस अध्ययन कक्ष में
लोक मंथन : लोक का अर्थ, मंथन की परंपरा और राष्ट्रीय आयोजन
मंथन भारत का आधारभूत तत्व है, इसलिए विमर्श के बिना भारत की कल्पना भी की जाएगी तो वह अधूरी प्रतीत होगी। यहां लोकतंत्र शासन व्यवस्था की सफलता का कारण भी यही है कि वेद, श्रुति, स्मृति, पुराण से लेकर संपूर्ण भारतीय वांग्मय, साहित्य संबंधित पुस्तकों और चहुंओर व्याप्त संस्कृति के विविध आयामों में लोक का सुख, लोक के दुख का नाश, सर्वे भवन्तु सुखिन: और जन हिताय-जन सुखाय की भावना ही