वेदांत

आदि गुरु शंकराचार्य : भारतीय सांस्कृतिक एकता के प्रतीक

ब्रह्म ही सत्य है, जगत मिथ्या और जीव ही ब्रह्म है, उससे भिन्न नहीं। वेदांत की इस वाणी को सिद्ध करने वाले महान मनीषी परमपूज्य आदि गुरु शंकराचार्य के नाम से विश्व विख्यात हैं।

जी-20 देशों में स्वामी विवेकानंद के पदचिन्ह

विश्व बंधुत्व एवं वेदांत के प्राचीन संदेश को लेकर ही आज से लगभग 128 वर्ष पहले (1893) स्वामी विवेकानंद पश्चिम के प्रवास पर गए थे।

अफ्रीकी दिवस पर स्वामी विवेकानंद के विश्व बंधुत्व की अवधारणा को याद करना जरूरी है

स्वामी विवेकानंद की दृष्टि आधुनिक समय में एक प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य करती है। उन्हें अफ्रीकी देशों के लिए सत्य का स्रोत माना जाता है।