मोदी की आलोचना करने वाले कांग्रेसी नेता अब उनकी तारीफ़ क्यों करने लगे हैं?
वर्षों से मोदी विरोधी नकारात्मक राजनीति करने वाली कांग्रेस पार्टी को सद्बुद्धि आने लगी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने खुलेआम स्वीकार किया कि 2019 में मोदी सरकार की वापसी में उसके द्वारा 2014 से 2019 के बीच किए गए कार्यों की अहम भूमिका रही है। इसके बाद तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में बोलने की होड़ लग गई।
तुष्टिकरण का जो दांव कभी हिटलर ने खेला था, आज कांग्रेस भी उसीको आजमाने में लगी है!
पानी को उबलने के लिए भी सौ डिग्री तापमान का इंतजार होता है, लेकिन कांग्रेस दिल्ली का सिंहासन हथियाने के लिए किस कदर बेकरार है, ये इसी से समझा जा सकता है कि उसने अपने सिपाहसालारों को तुष्टिकरण के घातक हथियार से देश को छलनी करने का जिम्मा सौंप दिया है। उसके सिपाहसालार तुष्टिकरण के घातक औंजारों से देश की नस-नस में जहर उतारना
शशि थरूर और हामिद अंसारी जैसों की विचार-प्रक्रिया में ही खोट है !
पिछले दिनों दो बयान ऐसे सामने आए जो विवादित रहे। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए सत्ता में वापसी की स्थिति में देश में हिंदू पाकिस्तान बनने जैसे विवादित विशेषण का इस्तेमाल किया, वहीं पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने एक बार फिर से ऐसा बयान दे डाला जो उनकी एकतरफा मानसिकता को प्रदर्शित करता है। अंसारी ने कहा कि यदि इस देश में
‘शशि थरूर समझ लें कि यह देश हर हाल में हिन्दू हिन्दुस्तान था, है और हमेशा रहेगा’
वैसे तो शशि थरूर और विवादों का नाता कोई नया नहीं है। अपने आचरण और बयानों से वे विवादों को लगातार आमन्त्रित करते आएँ हैं। इस क्रम में सबसे ताजा “हिन्दू पाकिस्तान” का उनका बेहद आपत्तिजनक बयान है जिसने बड़ा विवाद खड़ा किया है और इसपर कोलकाता कोर्ट ने उन्हें समन भी भेजा है। लेकिन, इस बयान पर बात करने से पहले हमारे लिए यह जानना भी
‘शशि थरूर की ये किताब पढ़ने के बाद मुझे उनके ‘हिन्दू पाकिस्तान’ वाले बयान पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ’
देश में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कुछ ऐसा कर रही है, जिससे उसकी मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी मुस्लिम समाज के नेताओं से मुलाकात करते हैं। उससे पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर कहते हैं कि बीजेपी को 2019 में वोट मत दो, वर्ना भारत “हिन्दू पाकिस्तान” बन जाएगा।
भारत में जबतक हिन्दू बहुमत में हैं तबतक ये पाकिस्तान नहीं बन सकता, थरूर साहब !
गुजरात विधानसभा चुनाव के समय जारी कांग्रेस का जनेऊधारी संस्करण बन्द हुआ। अब लोकसभा चुनाव की तैयारी है। राहुल गांधी की वर्ग विशेष के साथ बैठक, पहले गुलाम नबी आजाद और फिर शशि थरूर के बयान यही दिखाते हैं। भारत को बदनाम करने वाली बातें यही तक सीमित नहीं हैं। पाकिस्तान के नेता भी भारत के खिलाफ बयान देते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ मानवाधिकार प्रकोष्ठ के प्रमुख हुसैन का बयान भी लगभग ऐसा ही था। उसका कहना था कि जम्मू कश्मीर और पाक अधिकृत कश्मीर की स्थिति एक जैसी है। दोनों स्थानों पर
हिन्दी भाषा के मुद्दे पर दो नावों की सवारी कर रहे शशि थरूर !
शशि थरूर को अभी तय करना है कि वे हिन्दी विरोधी हैं या प्रेमी। वे संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी को आधिकारिक दर्जा देने से लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दावोस के वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में हिन्दी में भाषण देने का विरोध करते हैं। पर, थरूर साथ ही अपनी किताबों का हिन्दी में अनुवाद भी करवाने लगे हैं। शशि थरूर की नयी पुस्तक ’अन्धकार काल : भारत में ब्रिटिश साम्राज्य’ का कुछ समय पूर्व लोकार्पण किया गया था। निश्चित