कांग्रेस के इंकार के बाद अलग-थलग पड़े केजरीवाल
कांग्रेसी भ्रष्टाचार की पैदाइश अरविंद केजरीवाल ने खुलेआम अपने बच्चों की कसम खाकर कहा था कि वे कभी भी कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेंगे। इसके बावजूद अरविंद केजरीवाल कई महीनों से कांग्रेस से गठबंधन की भीख मांगते फिर रहे थे। यहां तक कि केजरीवाल एक रात शीला दीक्षित के घर के बाहर भी बैठे रहे लेकिन कांग्रेस ने केजरीवाल को
‘2014 के चुनाव के समय उभरी आप 2019 के चुनाव में पूर्ण पतन की कगार पर है’
जिस कांग्रेस को केजरीवाल कोसते नहीं थकते थे, आज गठबंधन के लिए उसकी खुशामद करने में लगे हैं। इससे उनके अवसरवादी और दोमुंहे चरित्र का भी पता चलता है।
दरकती ही जा रही है उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की राजनीतिक जमीन
वैसे तो कांग्रेस आज भी कहने को राष्ट्रीय पार्टी ही है लेकिन सबसे अधिक लोकसभा और विधान सभा की सीटों वाले प्रदेश में उसकी स्थिति कैसी है, यह किसी से छिपा नहीं है। अगर राजनैतिक लोकप्रियता और स्वीकार्यता के ग्राफ को समझना है तो उसके लिए यह देखना बेहद जरूरी है कि बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रदेशों में पार्टी का चुनावी प्रदर्शन कैसा रहा है। कांग्रेस पार्टी की लोकप्रियता का आलम यह है पिछले लोकसभा चुनाव में और उसके बाद के सभी विधानसभा चुनावों में, किसी भी राज्य में कांग्रेस की स्थिति दयनीय से अलग नहीं रही है।