महंगाई दर में कमी आने से कर्ज सस्ता होने के आसार
प्रमुखतः ईंधन की कीमत में गिरावट की वजह से जुलाई महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) दर कम होकर 3.15 प्रतिशत हो गई, जो जून महीने में 3.18 प्रतिशत थी। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक को पहले से अंदाजा था कि सीपीआई या खुदरा महँगाई दर में कमी आयेगी। इसीलिए, केंद्रीय बैंक ने हालिया मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में कटौती की। माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में भी सीपीआई निचले स्तर पर बनी रहेगी।