विपक्ष की नकारात्मक राजनीति के बावजूद मानसून सत्र की रिकॉर्ड सफलता सरकार की बड़ी कामयाबी है!
संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है, जहाँ जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि जनता से सरोकार रखने वाले विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक बहस करके उनका समाधान निकालते हैं। फिर चाहे वह राज्यसभा हो अथवा लोकसभा, दोनों सदनों में सत्तापक्ष तथा विपक्ष के बीच नोक-झोंक, सहमति-असहमति की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है।