कांग्रेसी सरकारों की वोट बैंक की राजनीति का शिकार बनी भारतीय रेल
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश करके जो प्रतिमान स्थापित किया है वह आज की सत्तालोभी राजनीति में दुर्लभ है। सबसे बढ़कर जहां पूर्व रेलमंत्रियों के भष्टाचार के नित नए मामले उजागर हो रहे हैं वहीं सुरेश प्रभु के उपर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा। अपने इस्तीफे में रेल मंत्री ने लिखा है कि दशकों से उपेक्षित रेलवे की खामियां दूर करने में मैंने
रेल मंत्रालय ने की यात्री बीमा की शुरुआत, रेल यात्रियों को एक रूपये में मिलेगा दस लाख तक का बीमा!
इस वर्ष के रेल बजट में केन्द्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल यात्रियों को बीमा देने का ऐलान किया था, इस दिशा में अब रेलवे द्वारा शुरुआत कर दी गई है। बीमा देने की यह व्यवस्था एक सितम्बर से लागू हो गई है, जिसके तहत यात्रियों को महज एक रूपये में दस लाख तक की अधिकतम राशि तक का बीमा देने की व्यवस्था की गई है। यह एक रूपये का शुल्क यात्री के टिकट में जुड़ेगा।
रेल बजट के आम बजट में शामिल होने से होगा रेलवे का तीव्र विकास, ख़त्म होंगी समस्याएं!
गणतंत्र के रूप में भारत का पहला बजट जब आया उस वक्त 1950-51 में रेलवे का राजस्व…