सेना

सर्जिकल स्ट्राइक के समय सेना के प्रति कांग्रेस की जो सोच थी, वही आज भी है !

उड़ी हमले को भला कौन भूल सकता है ? सितंबर, 2016 में हुई इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। पाकिस्‍तान ने हमारे देश के 19 जाबांज जवानों को कायराना तरीके से मारा था, तो समूचे देश में गम और गुस्‍से का उबाल आ गया था। हर जुबान से प्रतिशोध लेने के स्‍वर उठ रहे थे।

पाकिस्तान की भाषा बोल रहे कांग्रेसी नेताओं पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं करते राहुल गांधी !

एक तरफ जहाँ केंद्र की मोदी सरकार देश की एकता एवं अखंडता को हर हाल में सुनिश्चित करने के लिए तत्पर है। तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी लगातार देश को तोड़ने की अपनी मंशा पर काम करती दिखाई देती है। अभी हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में अपनी सहयोगी पीडीपी के साथ कानून व्यवस्था और तमाम मुद्दों को लेकर सरकार से अपना समर्थन

अब खैर मनाएं आतंकी, फिर शुरू हो रहा ऑपरेशन ऑलआउट !

आखिर केंद्र की मोदी सरकार ने रविवार को वह अहम फैसला ले ही लिया, जिसके लिए पिछले कुछ दिनों से काफी उम्‍मीद जताई जा रही थी। सरकार ने निर्णय लिया है कि अब फिर कश्‍मीर में आतंकियों के खिलाफ पुनः सैन्य ऑपरेशन चलाया जाएगा। सरकार ने यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय कमिटी की बैठक में लिया जिसमें गृहमंत्री

सेना ने लिया शहीद उमर फयाज की हत्या का बदला, ढेर हुए हत्यारे आतंकी !

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और शोपियां जिलों में सुरक्षा बलों, जिसमें सेना, सीआरपीएफ एवं स्थानीय पुलिस के जवान शामिल थे, की 3 कार्रवाइयों में 13 आतंकवादी मारे गए। 13 आतंकवादियों में से 11 की पहचान कर ली गई है। सभी स्थानीय हैं। वैसे, इस कार्रवाई में 3 जवान भी शहीद हुए और 4 नागरिकों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी।

संविधान और सेना के प्रति सम्मान से भरा है संघ प्रमुख का वक्तव्य !

मीडिया का एक वर्ग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति सदैव असहिष्णुता से प्रेरित रहता है। संघ से संबंधित किसी भी समाचार का अर्थ से अनर्थ करने में उसे आनंद आता है। इस जुनून में उसे सेना, समाज और संविधान की मर्यादा का भी ध्यान नहीं रहता। वह भूल जाते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक राष्ट्रवादी संगठन है। देश की रक्षा में लगे सभी लोगों के प्रति उसका सम्मान भाव रहता है।

सेना के प्रति संघ के समर्पण को किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं, वो इतिहास में दर्ज है !

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर तमाम प्रकार की भ्रांतियां एवं दुष्प्रचार लंबे समय से देश में फैलाए जाते रहे हैं। कांग्रेस एवं वामी बुद्धिजीवियों का एक धड़ा संघ के लिए साम्प्रदायिक एवं राष्ट्र विरोधी संगठन जैसी अफवाहों को हवा देने की जिम्मेदारी अपने कंधो पर लम्बे समय से लिए बैठा है। किंतु, वर्तमान समय में इनका हर दाँव विफ़ल साबित हो रहा है, जिससे तंग आकर इस कबीले के लोगों ने नया ढंग इजाद किया है – वह है संघ से

घाटी में सेना की मार ने आतंकियों के दांत खट्टे कर दिए हैं !

सरहद पर सेना की सफलता का दौर जारी है। सुरक्षाबलों ने बीते दिनों अपने आतंकरोधी अभियान के तहत फिर से बड़ी कामयाबी हासिल की। अलग-अलग अभियानों में क्रमवार कुख्‍यात आतंकियों को ढेर करके सुरक्षाबलों ने अपनी वीरता का लोहा फिर मनवाया है। बीते दिनों आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के सरगना मसूद अजहर के भतीजे महमूद तल्‍हा रशीद सहित कुछ और आतंकियों को सेना ने मार गिराया। यह मुठभेड़

सरकार और सेना की दृढ़ता का परिणाम है डोकलाम की कूटनीतिक जीत

डोकलाम मुद्दे पर 73 दिनों तक चीनी सेना के साथ आंखों में आंखें डालकर खड़ा रहने का माद्दा भारत ने दिखाया है, इसके लिए सरकार और भारतीय सेना दोनों ही निश्चित तौर पर बधाई के पात्र हैं। इसे न सिर्फ एक कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है बल्कि भारत ने पाकिस्तान जैसे और भी कई देशों को कड़ा सन्देश भी दिया है कि भारत कठिन परिस्थितियों में भी ठोस कदम उठाने की हिम्मत रखता है।

सेना ने अब जो ‘रणनीति’ अपनाई है, वो घाटी में आतंक की कमर तोड़ देगी !

कश्‍मीर में आतंकियों के खिलाफ सेना का अभियान जोरशोर से चल रहा है। इसी क्रम में सेना को बीते सप्‍ताह बड़ी सफलता मिली। पुलवामा में सुरक्षाबलों ने लश्‍कर के कमांडर आतंकी अबु दुजाना सहित दो अन्‍य आतंकियों को मार गिराया। हिजबुल कमांडर बुरहान वानी, लश्कर कमांडर जुनैट मट्टू और सब्‍जार भट जैसे बड़े आतंकियों के मारे जाने के बाद अब दुजाना के खात्‍मे को बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। जुनैद

सेना और जांच एजेंसियों के जरिये कश्मीर में आतंकवाद पर सरकार ने बोला दोतरफा हमला !

यूँ तो एक लम्बे समय से केंद्र सरकार ने सेना को कश्मीरी आतंकियों से निपटने के लिए खुली छूट दे रखी है, मगर अब जिस स्तर पर सेना कार्रवाई कर रही उसके अलग ही संकेत हैं। कश्मीर में हिंसा फैलाने वाले आतंकियों के साथ-साथ उनको शह देने वाले अलगाववादियों पर भी सरकार एकदम सख्त रुख अपनाए हुए है। स्पष्ट है कि सरकार अब कश्मीर के सभी अराजक तत्वों से एकदम सख्ती से निपटने का मन बना