किस हिन्दू राजा का बसाया नगर है दिल्ली, जानिए क्या है इतिहास ?
दिल्ली शहर का इतिहास महाभारत के जितना ही पुराना है। इस शहर को इंद्रप्रस्थ के नाम से जाना जाता था, जहां कभी पांडव रहे थे। समय के साथ-साथ इंद्रप्रस्थ के आसपास आठ शहर लाल कोट, दीनपनाह, किला राय पिथौरा, फिरोजाबाद, जहांपनाह, तुगलकाबाद और शाहजहांनाबाद बसते रहे। ऐतिहासिक दृष्टि से दिल्ली का इतिहास हिंदू तोमर राजा अनंगपाल के इस क्षेत्र पर अधिकार करने से शुरू होता है। उसने गुड़गांव जिले में अरावली की पहाडि़यों पर सूरजकुंड के समीप अपनी राजधानी अनंगपुर बनायी।
इस्लामिक कट्टरपंथ : आज इन्हें राष्ट्रगान से दिक्कत है, कल राष्ट्र से भी हो जाय तो आश्चर्य नहीं होगा!
हाल के दिनों में देश में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिन्होंने इस्लाम के कट्टरपंथी चेहरे से अमन और मोहब्बत…..
थाईलैंड में हिन्दू-बौद्ध दर्शन का समावेश: राम को अपना आराध्य मानते हैं वहां के लोग
थाइलैंड की मान्यता के अनुसार रामायण थाइलैंड की कहानी है। थाइलैंड को पहले सियाम कहा जाता था जिसकी राजधानी अयुत्थया थी। ऐसा माना जाता है कि अयुत्थया या अयोध्या के राजा राम थे। इनके बाद 1782 में नए राजा ने कई कारणों से पुरानी राजधानी को अपने लिए अनुपयुक्त समझा और चाओ फरया नदी की
भ्रम से निकलिए और जानिये क्यों भारत है ‘हिन्दू राष्ट्र’ ?
दो बातों को लेकर संघ का सर्वाधिक विरोध होता है। पहला कि संघ भारत के ‘हिन्दू राष्ट्र’ होने की बात करता है जबकि दूसरा ये कि संघ के अनुसार भारत में रहने वाला और भारतीय संस्कृति को मानने वाला हर भारतीय हिन्दू है। इन दोनों मुद्दों पर संघ का दृष्टिकोण बड़ा ही स्पष्ट है। लेकिन संघ-विरोधी खेमे द्वारा इन मुद्दों पर विरोध के साथ-साथ यह आरोप भी लगाने की भरपूर कोशिश होती रही है कि संघ भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का एजेंडा चलाने की फिराक में है!