मोदी सरकार के लोक-कल्याणकारी निर्णयों और योजनाओं कारण आज न केवल देश में व्यापक बदलाव की मज़बूत बुनियाद तैयार हुई है, बल्कि देश के अधिकतर लोग इस सरकार को एक बेहद जिम्मेदार और जनता से जुड़ी हुई सरकार भी मान रहे हैं। अब बदलाव और देशवासियों के भरोसे की इस मज़बूत बुनियाद के दम पर ही प्रधानमंत्री मोदी ने न्यू इंडिया के रूप में अपने आगामी लक्ष्य की घोषणा की है। सरकार के प्रयासों और नीयत में सच्चाई दिखती है, जिस कारण यह विश्वास व्यक्त किया जा सकता है कि सरकार द्वारा निर्धारित भावी लक्ष्यों को भी अवश्य पा लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत राजग सरकार के 26 मई 2017 को तीन साल पूरे हो जाएंगे। सोलहवीं लोकसभा के लिए आम चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई 2014 तक 9 चरणों में हुए थे। 16 मई को हुई मतगणना के जो नतीजे आए और तीस साल बाद केंद्र में किसी पार्टी को अकेले बहुमत हासिल हुआ। बीजेपी ने 31 प्रतिशत वोट पाकर 282 सीटें हासिल की, जबकि सत्ताधारी कांग्रेस 19.3 फीसदी मतों के साथ 44 पर सिमट गई।
इन तीन सालो के दौरान प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पूर्ववर्ती सरकारों से बिलकुल अलग कार्य करते हुए गवर्नेंस का अनोखा मॉडल अपनाया जिसमें जनता से सीधा सवांद हर योजना की प्राथमिकता थी। इसी संदर्भ में अगर हम नरेंद्र मोदी सरकार के तीन सालो के कार्यो का विश्लेषण करने के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं, कार्यक्रमों और निर्णयों पर सक्षिंप्त दृष्टि डालना समीचीन होगा।
1. जनधन योजना : जिन लोगों का बैंक में खाता नहीं था, उनका प्रधानमंत्री की जनधन योजना के तहत खाता खोला गया। इस योजना में लोगों का जीरो बैलेंस पर खाता खोला गया और गरीबों को उनको मिलने वाली योजना का पैसा सीधे उनके खाते में भेजा जाने लगा। इस कार्यक्रम के शुरू होने के पहले दिन ही डेढ़ करोड़ बैंक खाते खोले गए थे और हर खाता धारक को 1,00,000 रुपये का दुर्घटना बीमा कवर दिया गया। इसके साथ रुपे डेबिट कार्ड की शुरुआत भी की गई। इसके तहत अबतक लगभग 22 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोले जा चुके हैं।
2. स्वच्छ भारत अभियान : स्वच्छ भारत अभियान अब सिर्फ एक कार्यक्रम मात्र नहीं है, यह एक तरह का व्यवहार परिवर्तन का मिशन बन गया है। जन सहभागिता से चलने वाले इस अभियान का दायरा 2014 के 42 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 62 प्रतिशत हो गया है। ‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2017’ के परिणामों से पता चलता है कि स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत किये जा रहे प्रयासों से शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता पर सकारात्मक असर पड़ा है। स्वच्छ भारत अभियान का असर जमीनी स्तर पर नज़र आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2 अक्टूबर 2014 को शुरू हुआ स्वच्छ भारत अभियान आज स्वतंत्र भारत का बहुत ही महत्वपूर्ण जन आंदोलन बन चुका है। देश को स्वच्छ करने की जो पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, वैसा पहले कभी किसी ने नहीं सोचा था। स्वच्छ भारत अभियान के शुरू हुए अभी करीब ढाई साल ही हुए हैं, लेकिन स्वच्छता के प्रति देश सजग हो गया है, साफ-सफाई के प्रति सोच बदलती नज़र आ रही है।
3. मेक इन इंडिया : 25 सितंबर, 2014 को ये योजना शुरू की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में वैश्विक निवेश और विनिर्माण को आकर्षित करना है, जिससे भारत में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हों और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले। इसका एक उद्देश्य देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देना और घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों की हालत दुरुस्त करना भी है। साथ ही, विनिर्माण की विदेशी तकनीक से देश के कामगारों को रूबरू कराना तथा देश के लोगों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करने का लक्ष्य भी इस योजना में निर्धारित किया गया है।
4. डिजिटल इंडिया : ये प्रधानमंत्री की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक योजना है। ‘डिजिटल इंडिया’ की शुरुआत 21 अगस्त, 2014 को हुई थी। इस योजना का मकसद भारत को एक इलेक्ट्रॉनिक अर्थव्यवस्था में बदलना है। सरकार की मंशा है कि सभी सरकारी विभाग और भारत की जनता एक दूसरे से डिजिटल रूप से या इलेक्ट्रॉनिक तौर पर जुड़ें ताकि प्रभावी प्रशासन चलाया जा सके। इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इसके तहत देश के सभी गांवों और ग्रामीण इलाकों को इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ना है। विमुद्रीकरण के फैसले से भले ही लोगों को थोड़े समय के लिए परेशानी उठानी पड़ी हो, लेकिन इससे कोई भी इंकार नहीं कर सकता कि इससे कैशलेस इंडिया को बढ़ावा मिला। देश का डिजिटलाईजेशन हुआ। हाथ में पैसे न होन पर लोगों ने डिजिटल तरीकों पर गौर करना शुरू किया। मोदी सरकार ने कैशलेस इंडिया के लिए भीम ऐप की भी शुरूआत की।
5. मुद्रा योजना : छोटे कारोबारियों और जरूरतमंदों को अपना काम शुरू करने के लिए इस योजना के तहत लोन देने की सुविधा शुरू की गई। इस योजना को तीन भागों में बांटा गया है, जिसमें शिशु योजना के तहत 50 हजार रुपये तक के लोन दिए जाते हैं, किशोर योजना के तहत 50 हजार रुपये से 5 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। जबकि तरुण योजना के तहत 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। मुद्रा बैंक से देश के करीब 5 करोड़ 77 लाख छोटे कारोबारियों को फायदा हुआ है। मुद्रा, तकलीफ मुक्त स्थानीय स्वरोजगार के लिए मोदी सरकार द्वारा किया गया एक प्रयास है और इसके द्वारा छोटे उद्यमों को ज़मीनी स्तर पर जॉब प्रदान करने वाले इंजन के रूप में विकसित करने का प्रयत्न किया जा रहा है ।
6. उज्जवला योजना : 1 मई, 2016 को यूपी के बलिया से इस योजना की शुरुआत की गई। उज्ज्वला योजना के तहत बीपीएल परिवार की महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिए जाते हैं। इस योजना के तहत तीन वर्षों में 5 करोड़ गरीब परिवारों को जहां लकड़ी का चूल्हा जलता है, मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाएगा। पहले वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य को समय से पहले पूरा कर लिया गया है।
7. सर्जिकल स्ट्राइक : सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब भी दिया। नियंत्रण रेखा पर तो भारत ने पाक को सबक सिखाया ही, इसके अलावा म्यांमार में आतंकियों के खिलाफ सैन्य-अभियान भी किया गया। स्पष्ट है कि देश की रक्षा के मसले पर मोदी सरकार ने एकदम स्पष्ट रुख रखा है साथ ही आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टोलरेंस के नीति के तहत ही काम हो रहा है।
8. विमुद्रीकरण : देश के काला धन धारकों की नकेल कसने की दिशा में यह मोदी सरकार का एक महत्वपूर्ण निर्णय है। इसके तहत 500 और 1000 रूपये के नोटों का विमुद्रीकरण कर दिया गया। यह घोषणा 8 नवम्बर 2016 को रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक राष्ट्र को किए गए संबोधन में की गई। इसका उद्देश्य केवल काले धन पर नियंत्रण ही नहीं, बल्कि जाली नोटों से छुटकारा पाना भी था और देश की अर्थवयस्था में जो धन नकद स्वरूप में था, उसे बैंकिंग प्रणाली का हिस्सा बनाना था जिससे भविष्य में लेस कैश अर्थव्यस्था की और बढ़ा जा सके। सरकार का यह कदम अपने उद्देश्य में सफल नज़र आ रहा है; हालांकि इसकी पूरी सफलता धीरे-धीरे सामने आएगी।
9. जीएसटी बिल : संविधान संशोधन करके लंबे समय से अटके पड़े जीएसटी बिल को पारित करवाया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सरकारों को भी इस बिल को विधानसभाओं में पारित करने के लिए प्रोत्याहित किया। जीएसटी के जरिये ‘एक देश-एक कर’ की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाएगा जिससे अनेक करों के कारण तमाम वस्तुओं की बढ़ी कीमतों से लोगों को राहत मिलेगी। कर-संग्रह सरल और अधिक पारदर्शी होगा, जिससे देश के राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद मिलेगी।
10. मन की बात : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार में आने के बाद जनता से सीधे संवाद करने के लिए भारत के सरकारी संवाद माध्यम ऑल इंडिया रेडियो का सहारा लिया और ‘मन की बात’ नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री महीने के किसी एक रविवार को किसी विषय विशेष पर देश की जनता को संबोधित करते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से पहली बार देश के प्रधानमंत्री द्वारा सीधे तौर पर जनता से सवांद स्थापन किया गया। प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम आज देश में अत्यंत लोकप्रिय है और जनता की तरफ से अक्सर इसको निरंतर जारी रखने की बात होती रही है।
दरअसल उपरोक्त वर्णित योजनाए और निर्णय प्रधानमंत्री मोदी के तीन साल में लिए गए निर्णयों का एक छोटा-सा हिस्सा ही है, क्योंकि इस सरकार द्वारा और भी कई ऐसे नीतिगत निर्णय लिए गए या कार्य किये गए जिनका उल्लेख किया जा सकता है। इन निर्णयों के कारण आज न केवल देश में व्यापक बदलाव की मज़बूत बुनियाद तैयार हुई है, बल्कि देश के अधिकतर लोग इस सरकार को एक बेहद जिम्मेदार और जनता से जुड़ी हुई सरकार मानते है। अब बदलाव और देशवासियों के भरोसे की इस मज़बूत बुनियाद के दम पर ही प्रधानमंत्री मोदी ने न्यू इंडिया के रूप में अपने आगामी लक्ष्य की घोषणा की है। सरकार के प्रयासों और नीयत में सच्चाई दिखती है और इसी कारण यह विश्वास व्यक्त किया जा सकता है कि सरकार द्वारा निर्धारित भावी लक्ष्यों को भी अवश्य पा लिया जाएगा।
(लेखक कॉर्पोरेट लॉयर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)