पुलवामा हमले में तब भारतीय सेना के जवान शहीद हुए थे, लेकिन इन दलों का कहना था कि यह हमला चुनावों के मद्देनजर करवाया गया है। लेकिन संसद में खुद पाकिस्तान की सरकार के पुलवामा हमले पर कबूलनामे के बाद क्या राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल जैसे नेता देश से मांफी मांगेंगे और देशवासियों के सामने अपनी नीयत स्पष्ट करेंगे। इन्हें बताना चाहिए कि आखिर किस आधार पर तब इन्होंने पुलवामा हमले के लिए सरकार पर उंगली उठाई थी।
‘‘अगर हम विंग कमांडर अभिनंदन को नहीं छोड़ते हैं तो भारत रात 9 बजे तक हम पर हमला कर देगा।’’ ये वाक्य भारत के नहीं, बल्कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के हैं और ये उन चंद लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है जो भारत में रहकर पाकिस्तान की पैरवी करते हैं तथा उसे शांतिदूत बताते हैं।
गौरतलब है कि बालाकोट में आतंकियों के खिलाफ एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के लड़ाकू विमान भारतीय सीमा में घुस आए थे, जिन्हें नष्ट करने के बाद भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनन्दन वर्धमान का विमान क्षतिग्रस्त हो गया था और इसी के बाद पाकिस्तान ने गैरकानूनी ढंग से उन्हें हिरासत में ले लिया था। लेकिन भारत के कठोर रवैये के कारण पाकिस्तान को विंग कमांडर अभिनन्दन को छोड़ना पड़ा था।
अब पाकिस्तान ने उस घटना के बाबत खुद ही जानकारी दी है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (PML-N) के नेता अयाज सादिक ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में खुलासा किया है कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने उनसे कहा था कि ‘अगर उनके देश ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को नहीं छोड़ा तो ‘रात 9 बजे तक’ हिंदुस्तान पाकिस्तान पर हमला कर देगा।’
पाकिस्तानी नेता ने यह भी बताया कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इमरान खान के साथ मीटिंग करने गए थे, लेकिन इमरान खान शामिल नहीं हुए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल बाजवा कमरे में आए, उनके पैर कांप रहे थे और वह पसीने-पसीने हो रहे थे। ये हाल तब पाकिस्तान के नेतृत्व का था।
एयर स्ट्राइक के मुद्दे पर देशवासियों ने तब देश के नेतृत्व की सराहना की थी, परन्तु अपनी आदत से मजबूर कांग्रेस पार्टी और उसके नेता राहुल गाँधी ने हमेशा की तरह भारतीय सेना व नेतृत्व पर विश्वास नहीं किया और पाकिस्तान के ही गीत गाते रहे। पाकिस्तान की पैरवी करने वालों में कांग्रेस पार्टी तो सबसे अग्रिम पंक्ति में है ही, साथ ही आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने भी कम समय में ही पाकिस्तान के दिलों में अपनी जगह बना ली है।
पुलवामा हमले में तब भारतीय सेना के जवान शहीद हुए थे, लेकिन इन दलों का कहना था कि यह हमला चुनावों के मद्देनजर करवाया गया है। लेकिन संसद में खुद पाकिस्तान की सरकार के पुलवामा हमले पर कबूलनामे के बाद क्या राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल देश से मांफी मांगेंगे और देशवासियों के सामने अपनी नीयत स्पष्ट करेंगे। इन्हें बताना चाहिए कि आखिर किस आधार पर तब इन्होंने पुलवामा हमले के लिए सरकार पर उंगली उठाई थी।
गौरतलब है कि जब भी भारत के हितों की बात आती है तो ये लोग उसमें अड़ंगा डालते हैं, परन्तु विश्व के किसी भी मंच पर मौका मिलते ही ये देश की छवि ख़राब करने का कोई मौका नहीं चूकते। वास्तव में, मोदी विरोध में ये लोग इतने अंधे हो चुके हैं कि भारत का विरोध हर स्तर पर करना इनकी आदत बन गयी है। लेकिन ये वही पाकिस्तान है जो आए दिन जम्मू-कश्मीर समेत भारत के अन्य राज्यों में आतंकवाद का एक्सपोर्ट करता है, मासूमों की जान लेता है।
लेकिन बावजूद इसके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को फर्जी लिबरल गैंग द्वारा शांति पुरस्कार देने की पैरवी की जाती है और भारत के खौफ के कारण पाकिस्तान द्वारा विंग कमांडर अभिनन्दन को छोड़े जाने पर भी पाकिस्तान को ही ट्वीट कर धन्यवाद दिया जाता है।
कांग्रेस के लोकप्रिय शहजादे को सेना हो या सरकार, किसी पर भरोसा नहीं है, लेकिन अब तो उनके अपने ‘सबसे भरोसेमंद देश’ पाकिस्तान ने खुलासा कर दिया है कि भारत के खौफ में पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनन्दन को छोड़ा था।
जाहिर है, कांग्रेस जैसे दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर भले सवाल उठाएं, लेकिन दुनिया यह बात जान चुकी है कि ये छप्पन इंच के सीने की ही धमक है, जिसके कारण पाकिस्तान ने भयभीत होकर विंग कमांडर अभिनंदन को भारत को सौंपा था।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)