कोरोना वायरस से मुक़ाबला करने के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन महाराष्ट्र का रहा है। महाराष्ट्र में फिलहाल संक्रमितों की संख्या 1823896 है, जबकि वहाँ संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या का अनुमान महज 729832 लगाया गया था। इस तरह, महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या अनुमान से 1094064 अधिक है।
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या 16 सितंबर 2020 को उच्चतम स्तर पर पहुँच गई थी। उसके बाद से कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या उतार पर है। अब यह कम होकर लगभग 35,000 के आसपास पहुँच गई है। कई-कई दिन तो तीस हजार से भी कम मामले सामने आए हैं। इतना ही नहीं; कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक होने की दर, संक्रमित होने की दर से अब ज्यादा हो गई है।
यह सब इसलिये संभव हुआ है, क्योंकि मार्च 2020 के अंतिम सप्ताह में देशभर में तालाबंदी को लागू करने के अलावा भी कोरोना वायरस को मात देने के लिए भारत सरकार ने अनेक उपायों जैसे, देशभर में आइसोलेशन केंद्रों का प्रबंध, कोरोना वायरस के इलाज के लिये प्रतिबद्ध कोविद-अस्तपतालों की व्यवस्था, सरकारी अस्पतालों में मुफ्त कोरोना जांच की व्यवस्था, घर-घर जाकर कोरोना वायरस से संक्रमितों मरीजों का पता लगाने के लिए अभियान चलाने, लोगों को कोरोना वायरस के खतरे के बारे में जागरूक करने आदि को मूर्त रूप दिया है।
उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से यह पता चलता है कि बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों ने कोरोना वायरस के विरुद्ध जंग में देश में क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। इन राज्यों में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या अनुमान से बहुत कम है।
उदाहरण के तौर पर बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 235616 है, जबकि अनुमान लगाया गया था कि वहाँ संक्रमितों की संख्या 980524 रहेगी। इस प्रकार, बिहार में अनुमान से 744908 संक्रमितों की संख्या कम है, जो यह बताता है कि कोरोना वायरस को हराने के मामले में बिहार अव्वल रहा।
उत्तर प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 543888 है, जबकि अनुमान लगाया गया था कि वहाँ संक्रमितों की संख्या 1287184 रहेगी। इस तरह, उत्तर प्रदेश में संक्रमितों की संख्या अनुमान से 743296 कम है। गुजरात में संक्रमितों की संख्या 209780 है, जबकि वहाँ 530311 संक्रमितों के होने का अनुमान लगाया गया था। इस प्रकार, कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या गुजरात में अनुमान से 320531 कम रहा।
इन 3 राज्यों के अलावा, कोरोना वायरस से लड़ाई में बेहतर परिणाम देने वाले राज्यों में झारखंड, जम्मू एवं कश्मीर, उत्तर-पूर्वी राज्य, ओडिसा आदि अग्रणी हैं।
कोरोना वायरस से मुक़ाबला करने के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन महाराष्ट्र का रहा है। महाराष्ट्र में फिलहाल संक्रमितों की संख्या 1823896 है, जबकि वहाँ संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या का अनुमान महज 729832 लगाया गया था। इस तरह, महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या अनुमान से 1094064 अधिक है।
इसी तरह, आंध्र प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 868064 है, जबकि अनुमान 677263 लोगों के संक्रमित होने का लगाया गया था, जो अनुमान से 190801 अधिक है। कोरोना से लड़ाई में फिसड्डी रहने वाले राज्यों में तीसरे स्थान पर केरल है, जहां संक्रमितों की संख्या 602983 है, जबकि 427406 लोगों के राज्य में संक्रमित होने का अनुमान लगाया गया था, जो अनुमान से 175577 अधिक है।
इन आंकड़ों को समग्रता में देखने पर यह पता चलता है कि भारत में संक्रमितों की संख्या 9463254 है, जबकि यह अनुमान लगाया गया था कि भारत में संक्रमितों की संख्या 9929420 रहेगी। इस तरह, भारत में संक्रमितों की संख्या अनुमान से 466166 कम है, जो यह दर्शाता है कि भारत ने दूसरे देशों के मुक़ाबले कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के मामले में उम्दा काम किया है।
आंकड़ों के एक अन्य विश्लेषण में पाया गया कि कोरोना वायरस से बचने वाले उपायों को अपने यहाँ अमलीजामा पहनाने और लोगों को कोरोना वायरस के नकारात्मक पहलुओं के बारे जागरूक करने के मामले में उत्तर-पूर्वी राज्य पहले स्थान पर रहे, जबकि बिहार दूसरे और उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर रहा।
माइक्रो मापदंड जैसे, राजकोषीय और मुद्रास्फीति के समुचित प्रबंधन के संदर्भ में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर रहा, हिमाचल प्रदेश दूसरे स्थान पर और मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर रहा, वहीं सबसे निचले पायदान पर पश्चिम बंगाल रहा।
कोरोना काल में केंद्रीय योजनाओं, मसलन, वन नेशन वन कार्ड, पीएम स्वनिधि, पीएम किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास और ईसीएलजीएस जैसी योजनाओं को लागू करने के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर, गुजरात दूसरे स्थान पर और महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा, जबकि इस आलोक में सबसे खराब प्रदर्शन छतीसगढ़ ने किया।
कुल मिलाकर केंद्र सरकार व यूपी-बिहार जैसे कोरोना से लड़ाई में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले राज्यों के कुशल प्रबंधन की बदौलत आज इस महामारी के खिलाफ भारत अपेक्षाकृत रूप से मजबूत स्थिति में खड़ा है। हालांकि यही समय और अधिक सावधानी रखने का भी है, जिससे ये लड़ाई जल्द-ही अपने अंजाम को पहुंचे और हम इस महामारी से मुक्त हो सकें।
(लेखक भारतीय स्टेट बैंक के कॉरपोरेट केंद्र मुंबई के आर्थिक अनुसंधान विभाग में कार्यरत हैं।ये उनके निजी विचार हैं।)