बीते चार वर्षों में केंद्र की मोदी सरकार और पिछले एक वर्ष में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी की भाजपा सरकार ने ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र को लेकर किसान, गरीब, शोषित, वंचित एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान और हित के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं की ना सिर्फ शुरुआत की है बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करने का कार्य भी किया है। मोदी और योगी के नेतृत्व में विकास की एक नयी इबारत लिखने को उत्तर प्रदेश तैयार नजर आ रहा है।
देश के लोकप्रिय एवं गरीब, वंचितों के विकास को समर्पित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के दौरे पर रहे, जहाँ उन्होंने कई जन-कल्याणकारी परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी। यह एक्सप्रेस-वे लखनऊ, अमेठी, फैजाबाद, आजमगढ़, गाजीपुर जैसे शहरों को जोड़ने का काम करेगा। इसके निर्माण के साथ ही एक्सप्रेस-वे को क्रॉस करने वाले मार्गों पर आने वाले गाँव, कस्बों, शहरों की भी तस्वीर बदलने वाली है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्यों में अक्सर यह बात जाहिर होती रहती है कि इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट्स के माध्यम से हम ग्रामीण भारत को भी विकास के पथ पर अग्रसर कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को परिभाषित करते हुए कहा कि इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास की एक नई गंगा बहेगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद आसपास के क्षेत्रों में निश्चित रूप से शिक्षण संस्थानों, इंडस्ट्रीज आदि का भी विकास संभव हो सकेगा। साथ ही युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे।
इस अवसर पर विपक्ष को प्रधानमंत्री मोदी ने आड़े हाथ लेते हुए कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के उस बयान का जिक्र करते हुए सवाल किया कि अगर कांग्रेस पार्टी मुस्लिमों की पार्टी है तो क्या वह सिर्फ मुस्लिम पुरूषों को समर्पित है या मुस्लिम माताओं एवं बहनों के लिए भी उसमें जगह है ? क्योंकि तीन तलाक और हलाला जैसे मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी ने कभी मुस्लिम महिलाओं के पक्ष को नहीं समझा।
ज्ञात हो कि बीते चार वर्षों में केंद्र की मोदी सरकार और पिछले एक वर्ष में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी की भाजपा सरकार ने ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र को लेकर किसान, गरीब, शोषित, वंचित एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान और हित के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं की ना सिर्फ शुरुआत की है बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर भी लागू करने का कार्य भी किया है। प्रधानमंत्री मोदी इसी क्रम में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे और यहाँ भी उन्होंने विभिन्न लोकहित की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया जिसमें राजातालाब में पेरिशेबल कार्गो केंद्र, गैस वितरण परियोजना इत्यादि शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों का ही असर है कि अब वाराणसी में आस्था और सांस्कृतिक महत्व के जो भी स्थान हैं, उनको जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण-कार्य हो रहा जिससे देश और दुनिया से जो भी श्रद्धालु काशी आएं उन्हें असुविधा ना हो। प्रधानमंत्री ने न्यू इंडिया के साथ बनारस की विकास-यात्रा को जोड़ते हुए बताया कि हम एक नए काशी का निर्माण करने की ओर बढ़ रहे हैं जिसकी आत्मा तो पुरातन होगी, मगर काया नवीनतम होगी। जिसमें आध्यात्म, संस्कृति तथा संस्कार तो निहित होंगे, लेकिन व्यवस्थाएं स्मार्ट होंगी।
गौरतलब है कि विपक्ष द्वारा लगातार यह प्रश्न उठाया जाता रहा है कि गंगा सफाई पर सरकार क्या कर रही है ? इसपर प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह उनकी सरकार गंगा सफाई के विषय को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि अबतक 21 हज़ार करोड़ की 200 से अधिक परियोजनाओं को स्वीकृति मिल चुकी है और इसपर तेजी से काम चल रहा है।
वैसे तो गंगा सफाई का काम राज्य और केंद्र सरकारों के समन्वय से ही होता है। लेकिन इसमें भी विपक्ष अपनी नकारात्मक राजनीति का परिचय देता रहा है। बहरहाल पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद गंगा सफाई के काम ने रफ़्तार पकड़ ली है। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने पिछली सरकार की गलत नीतियों के कारण अटकी हुई विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं को तेजी प्रदान की है।
पूर्वांचल के मिर्ज़ापुर में 20 वर्षों से लंबित पड़ी एशिया की सबसे बड़ी बाणसागर परियोजना भी इन्हीं परियोजनाओं में से है जो पिछली सरकारों के ढुल-मुल रवैये के कारण पूर्ण नहीं हो पाई थी। लेकिन मौजूदा सरकार के आने के बाद तेजी से इसे अमलीजामा पहनाया गया।
गौरतलब है कि ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ से जुड़ी इस किसान हितैषी और उनके जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन लाने वाली परियोजना को पूर्व सरकारों ने रोके रखा जो यह स्पष्ट करता है कि यह परिवारवादी लोग सिर्फ अपना हित साधते रहे और इन्हें किसानों, गरीबों की कोई चिंता नहीं थी। लेकिन वर्तमान केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने 3500 करोड़ की इस राष्ट्रीय परियोजना का काम पूर्ण करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि साफ़ नियत और समर्पित भाव से कार्य किया जाये तो निश्चित तौर पर जनता तक विकास पहुँचता है।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)