अभी अधिक समय नहीं हुआ जब दिल्ली विधानसभा में भाजपा के दो विधायकों को मार्शलों द्वारा बड़े ही घटिया ढंग से बाहर निकाला गया था, इसके बाद अब एक बार फिर इससे भी बदतर व्यवहार पूर्व आप नेता कपिल मिश्रा के साथ हुआ है। दरअसल आम आदमी पार्टी बहुमत के नशे में इतनी चूर हो गयी है कि उसे लोकतान्त्रिक मर्यादाओं और मूल्यों तक का ध्यान नहीं रहा है। गत दिनों दिल्ली विधानसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान जो हुआ, वो देश की लोकतान्त्रिक व्यवस्था को शर्मसार करने वाला था।
आप से निलंबित कपिल मिश्रा विधानसभा में कुछ कहना चाहते थे, जिससे पहले उन्हें रोका गया और फिर स्पीकर ने उन्हें निकालने के लिए मार्शलों को कहा, मगर आप के विधायक मार्शलों के आने से पहले ही कपिल मिश्रा को बेहद बुरी तरह से घसीटते हुए विधानसभा से बाहर कर आए। इस दौरान कपिल को काफी चोटें भी आयीं। आप विधायकों के इस कृत्य का वीडियो मीडिया में वायरल होने के बाद दिल्ली की जनता भी कहीं न कहीं अपने आपको ठगा महसूस कर रही होगी कि उन्होंने राज्य की बागडोर किन लोगों के हाथ में दे दी है।
दरअसल, कपिल मिश्रा के साथ जो हुआ, वह न केवल समाचार पत्रों की मुख्य सुर्खियां बना, बल्कि सोशल मीडिया पर भी जमकर चला। साथ ही, लोगों ने सोशल मीडिया पर यह भी कहा कि हाल-फिलहाल में दिल्ली सरकार और सीएम अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाने से गुस्साए आम आदमी पार्टी विधायकों ने कपिल को पकड़ लिया और मार्शलों के जरिए जबरन सदन के बाहर निकाल दिया। दरअसल कपिल के आरोपों का कोई तथ्यात्मक जवाब तो अरविन्द केजरीवाल एंड कंपनी दे नहीं पा रही, तो उसका जवाब इस हिंसात्मक ढंग से दे रही है।
गौरतलब है कि कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन के घोटालों पर रामलीला मैदान में खुला विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। कपिल ने आरोप लगाया कि मदनलाल और अमानतुल्ला खान जैसे विधायकों ने उनकी लात घूसों से पिटाई की। कपिल ने कहा कि सदन की कार्यवाही का विजुअल चेक करने पर पता चलेगा कि मनीष सिसोदिया के इशारे पर उनके साथ मारपीट की गई। कपिल ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्हें पीटा जा रहा था, तो केजरीवाल हंस रहे थे।
आप एमएलए असीम अहमद खान और मंत्री सत्येंद्र जैन पर केजरीवाल की चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है। वहीं कपिल भी हार मानते हुए नहीं दिख रहे हैं, अब उन्होंने ऐलान किया है कि वह 3 जून को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में प्रदर्शनी लगा रहे हैं, जहां वह दिल्ली सरकार और आप नेताओं के भ्रष्टाचार से जुड़े कुछ और ‘सबूत’ रखेंगे।
खैर, दिल्ली की सत्ता पर दूसरी बार काबिज हुई केजरीवाल सरकार जो अपनी हर गलती के लिए पीएम मोदी को दोषी ठहराने से भी गुरेज नहीं करती है, उसने शायद सपने में भी कभी नहीं सोचा होगा कि जो भ्रष्टाचार के आरोप वह दूसरे राजनेताओं पर लगाती है, वही आरोप एक दिन उन्हीं के पार्टी के नेता उन पर लगाएंगे। इन आरोपों में कितना सच है और कितना झूठ ये आगे सामने आ जाएगा, लेकिन जिस तरह से आम आदमी पार्टी इन आरोपों के बाद कपिल के प्रति बौखलाई हुई है, उससे कहीं न कहीं इन आरोपों में दम ही नज़र आता है।
(लेखिका पेशे से पत्रकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)