बजट प्रस्तुत करते समय वित्त मंत्री ने भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने का विश्वास व्यक्त किया था। उनका कहना था कि देश को अगले पांच वर्षों में पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था तक पहुंचाया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने इसी के तहत उत्तर प्रदेश के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत में संघीय शासन व्यवस्था है। प्रदेशों के सहयोग के बिना भारत को आर्थिक महाशक्ति नहीं बनाया जा सकता। इसलिए योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को देश की आर्थिक विकास यात्रा का सबसे बड़ा सहयोगी बनाने का मंसूबा व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की प्रेरणा से विकास के अनेक कीर्तिमान स्थापित किये हैं। स्वच्छता, शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री निर्धन आवास निर्माण आदि के मामले में उत्तर प्रदेश नम्बर वन पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि केवल दो वर्षों में ही हासिल हुई है। अब अगले चरण में योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह ऐलान भी उन्होंने केंद्र सरकार के रोडमैप को ध्यान में रखकर किया है।
बजट प्रस्तुत करते समय वित्त मंत्री ने भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने का विश्वास व्यक्त किया था। उनका कहना था कि देश को अगले पांच वर्षों में पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था तक पहुंचाया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने इसी के तहत उत्तर प्रदेश के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत में संघीय शासन व्यवस्था है। प्रदेशों के सहयोग के बिना भारत को आर्थिक महाशक्ति नहीं बनाया जा सकता। इसलिए योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को देश की आर्थिक विकास यात्रा का सबसे बड़ा सहयोगी बनाने का मंसूबा व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ को अपने इस मंसूबे की सफलता का पूरा विश्वास है। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की पांच शीर्ष अर्थव्यवस्था में शामिल हो गया है। अब उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है, यह केवल केंद्र सरकार का कर्तव्य नहीं है। इसमें उत्तर प्रदेश प्रमुख योगदान देगा। योगी ने कहा भी है कि देश का प्रत्येक पांचवां व्यक्ति उत्तर प्रदेश का है। ऐसे में उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक ले जाना हमारा कर्तव्य है।
यह लक्ष्य उत्तर प्रदेश में मौजूद संसाधनों के माध्यम से ही हासिल किया जा सकता है। इस विशाल प्रदेश में जितनी कृषि भूमि और जल संसाधन है, उसके सुनियोजित उपयोग से ही प्रदेश की स्थिति बदल सकती है। उत्तर प्रदेश की जमीन उर्वरा है। मृदा परीक्षण और वैज्ञानिक कृषि के द्वारा यह प्रदेश पूरी दुनिया का पेट भर सकता है।
इसी के साथ योगी सरकार प्रदेश के औद्योगिक विकास की दिशा में भी तेजी से कार्य कर रही है। इंवेस्टर्स समिट में आये करीब साठ करोड़ रुपये के प्रस्तावों का शिलान्यास भी हो चुका है। सर्वांगीण विकास के बल पर उत्तर प्रदेश न्यू इंडिया के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान करेगा। योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी केंद्र के बजट का अध्ययन करें, उसके अनुरूप योजनाओं व कार्यक्रमों का निर्माण करें।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कुछ दिन पहले कहा था कि पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। लेकिन केवल सरकार ही इस कार्य को नहीं कर सकती। इसमें निजी क्षेत्र को भूमिका निभानी होगी। बजट में सरकार ने सभी के सहयोग का मार्ग प्रशस्त किया है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में भी बड़े बदलाव की आवश्यकता है। कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने की जरूरत है।
निर्मला सीतारमण के बजट भाषण और नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के विचार न्यू इंडिया की अवधारणा के अनुकूल है। ऐसा लगता है कि योगी आदित्यनाथ ने इन तथ्यों का संज्ञान लिया है। इसीलिए उन्होंने उत्तर प्रदेश की इसमें भूमिका का निर्धारण किया है।
ऐसा नहीं कि योगी आदित्यनाथ इसके लिए अभी तैयार हुए हैं। वस्तुतः वह पद ग्रहण करने के तत्काल बाद से उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने के काम में लगे हैं। इसके तहत उन्होंने कृषि और निवेश पर विशेष जोर दिया। इसमें उन्हें अभूतपूर्व सफलता भी मिली है। इसी क्रम में अठ्ठाइस व उनतीस जुलाई को दो दिवसीय दूसरे शिलान्यास समारोह का आयोजन किया जायेगा। इसका शुभारम्भ केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और समापन उपराष्ट्रपति एम वेंकैयानायडु करेंगे।
समारोह में साठ हजार करोड़ रुपये से अधिक की लगभग दो सौ पन्द्रह परियोजनाओं का शिलान्यास होगा। इसमें देश एवं विदेश के ख्याति प्राप्त औद्योगिक घरानों के उद्योगपतियों सहित लगभग दो हजार गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। सरकार की मंशा है कि इन्वेस्टर्स समिट और प्रथम शिलान्यास समारोह की भांति यह समारोह भी सफल होगा। इसके स्टीयरिंग अर्थात संचालन समिति की पहली बैठक भी सम्पन्न हुई।
शिलान्यास समारोह के पहले दिन विभिन्न क्षेत्रों के ग्यारह समानान्तर सत्रों का आयोजन किया जायेगा। इनमें फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, बैंकर्स सेशन, पावर एण्ड रिन्यूवल एनर्जी, टूरिज्म एण्ड फिल्म, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, आई टी एण्ड आईटीईएस, अरबन इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड स्मार्ट सिटी, डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस तथा फार्मा इंडस्ट्री के सत्र आयोजित होंगे। इसी दिन सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया है। अगले दिन उनतीस जुलाई को लाजेस्टिक एण्ड वेयरहाउसिंग तथा स्टार्ट-अप पर आधारित सत्र आयोजित होंगे। इन दोनों दिवसों में बी टू जी मीटिंग भी होगी।
उद्योगबंधु नोडल विभाग के रूप में काम करेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केन्द्रीय बजट में अपने विभाग से सम्बन्धित योजना की कार्य योजना पन्द्रह दिन में केन्द्र सरकार को प्रेषित करें। राज्य के विकास के लिए हर विभाग को अपने स्तर से पहल करनी होगी। कार्य योजना बनाकर केन्द्र सरकार को प्रेषित कर दी जाए। केन्द्र सरकार की अनेक योजनाएं पहले प्रस्ताव भेजने वाले राज्यों को प्राप्त होती हैं। इसलिए प्रत्येक विभाग द्वारा कार्य योजना प्रेषित कर पैरवी की जाए। योजना की पैरवी के लिए अधिकारी स्वयं अथवा विभागीय मंत्रियों के साथ केन्द्रीय अधिकारियों से सम्पर्क कर प्रदेश की आबादी के अनुरूप बजट प्राप्त करने का प्रयास करें।
प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने में प्रदेश की बड़ी भूमिका है। राज्य की अर्थव्यवस्था की वृद्धि की वर्तमान दर के हिसाब से यह अगले कुछ वर्षों में एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचेगी। उत्तर प्रदेश में विकास की अप्रतिम सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को साकार करने में विभागीय और नोडल अधिकारियों को अपनी भूमिका निभाने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया। इसके अलावा प्रत्येक विभाग को इस कार्य में योगदान सुनिश्चित करना होगा।
इसके लिए सम्यक रूप से विचार कर इनोवेटिव आइडियाज़ के साथ एक ठोस कार्य योजना बनानी होगी। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में रियल इस्टेट, परिवहन, वित्तीय सेवाओं, कृषि, खनन, पर्यटन आदि क्षेत्रों की भागीदारी तय की जाएगी। विभागों द्वारा प्रदेश के आम जन के जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन तथा राज्य की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के कार्यों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ और अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम के सफल आयोजन, ब्रज विकास परिषद के गठन के पश्चात मथुरा-वृन्दावन क्षेत्र के विकास की ठोस कार्य योजना से राज्य में पर्यटन के प्रति नजरिए में सकारात्मक परिवर्तन आया है। वर्तमान राज्य सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने से राज्य में निवेश की सम्भावना बढ़ी है। प्रदेश में निवेश के लिए हर विभाग अपने स्तर से भूमिका निभा सकता है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को ठोस कार्य योजना के माध्यम से पहल करनी चाहिए। हर जनपद का अपना एक विशिष्ट उत्पाद है।
कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को अच्छे बीज और तकनीक उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। राज्य में सृजित हो रही बुनियादी ढांचागत सुविधाओं जैसे पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे, जेवर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, उड़ान योजना के तहत हवाई अड्डों का विकास, फ्रंट काॅरिडोर आदि से विकास को गति मिलेगी। जनपद के विशिष्ट उत्पादों सहित कृषि उत्पादों की मार्केटिंग, एक्सपोर्ट आदि में इन सुविधाओं का उपयोग किया जा सकता है। जाहिर है कि योगी आदित्यनाथ ने न्यू इंडिया के मंसूबे में उत्तर प्रदेश के योगदान को सुनिश्चित किया है।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)