अयोध्या विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। योगी सरकार यहां तीर्थाटन की विश्व स्तरीय व्यवस्था बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। दीपावली की भव्यता भी विश्व के लोगों का ध्यान आकृष्ट करने लगी है। प्राचीन भारत में ऐसा रहा भी होगा। प्रभु राम लंका विजय के बाद अयोध्या आये थे। तब यह नगरी दीपों से जगमगा उठी थी। योगी आदित्यनाथ इसकी भव्यता व दिव्यता विश्व के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। उनके कार्यकाल में आयोजित दीपोत्सव में बड़ी संख्या में बाहर के लोग भी आते हैं। इसबार का दीपोत्सव पहले के मुकाबले अधिक भव्य होगा।
कुछ समय पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में भव्य दिव्य कुम्भ का सफल आयोजन किया था। अब अयोध्या में भव्य दिव्य दीपावली का आयोजन होगा। योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इसके लिए कमर कसी है। वह तीर्थाटन व पर्यटन के प्रति शुरू से गम्भीर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे विश्व में भारत की छवि बनती है, इसी के साथ स्थानीय स्तर पर परोक्ष व अपरोक्ष रोजगार का भी सृजन होता है।
अयोध्या विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। योगी सरकार यहां तीर्थाटन की विश्व स्तरीय व्यवस्था बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। दीपावली की भव्यता भी विश्व के लोगों का ध्यान आकृष्ट करने लगी है। प्राचीन भारत में ऐसा रहा भी होगा। प्रभु राम लंका विजय के बाद अयोध्या आये थे। तब यह नगरी दीपों से जगमगा उठी थी। योगी आदित्यनाथ इसकी भव्यता व दिव्यता विश्व के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। उनके कार्यकाल में आयोजित दीपोत्सव में बड़ी संख्या में बाहर के लोग भी आते हैं।
इसबार का दीपोत्सव पहले के मुकाबले अधिक भव्य होगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दीपावली समाज की ऊर्जा का पर्व है। पच्चीस से उनतीस अक्टूबर तक अयोध्या में दीपोत्सव भव्यता के साथ मनाया जाएगा। धनतेरस, छोटी व बड़ी दीपावली का उत्साह यहां दिखाई देगा। पांच लाख से अधिक दीपक एक साथ रोशनी बिखेरेंगे। लगेगा आकाश धरती पर आ गया है। मुख्यमंत्री ने इससे संबंधित निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, छठ पूजा, गोवर्धन पूजा, चौदह कोसी व पंचकोसी एवं कार्तिक पूर्णिमा आदि त्योहार मनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इन सभी त्योहारों का आयोजन शान्ति और उल्लासपूर्ण वातावरण में सफलतापूर्वक सुनिश्चित करना चाहती है। पर्व और त्योहार केवल आयोजन नहीं, बल्कि यह अपनी क्षमता आंकने के अवसर भी हैं। इसी के अनुरूप जिले के अधिकारियों को व्यवस्था करनी चाहिए। जिला प्रशासन सावधानी से कार्य करे, जनता के साथ सकारात्मक रवैया अपनाए, ताकि सभी पर्व हर्षोल्लास के वातावरण में मनाए जा सकें।
उन्होंने पटाखा बेचने वालों को अनावश्यक परेशान न करने के निर्देश दिए। राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों की सुविधा के लिए दीपावली से पहले वेतन भुगतान के निर्देश दिए हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन मिल जाए। इस बार अयोध्या एक नहीं बल्कि चार दिनों तक जगमगायेगा। रामायण के आधार पर सम्पूर्ण उत्सव सम्पन्न होगा। मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग को इसकी तैयारी के निर्देश दिए हैं।
उत्सव का प्रारंभ छोटी दिवाली छब्बीस अक्टूबर को होगा। श्रीराम की नगरी साढ़े पांच लाख दीपकों के जगमग होगी। यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल होगा। रामचरितमानस के प्रत्येक कांड के नाम पर अयोध्या द्वार बनाये जाएँगे। इन द्वारों पर रामचरितमानस की चौपाइयां बजती रहेंगी। श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान जी की भव्य मूर्ति लगाई जाएगी। राम की पैड़ी पर भगवान राम की पांच फीट के पैडल पर दस फीट की फाइबर की मूर्ति लगेगी। हनुमान जी की बीस फीट ऊंची फाइबर प्रतिमा लगाई जाएगी, जिनके कंधों पर श्रीराम और लक्ष्मण विराजमान होंगे।
पिछली बार की तरह रामकथा पार्क में श्रीराम और सीता जी हेलिकॉप्टर से पधारेंगे। यह पुष्पक विमान का प्रतीक होगा। योगी आदित्यनाथ अयोध्या के लोगों के साथ उनका स्वागत करेंगे। भव्य शोभा यात्रा निकलेगी। योगी आदित्यनाथ श्रीराम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक करेंगे। सरयू जी की आरती होगी। राम की पैड़ी के सामने प्रोजेक्शन मैपिंग शो द्वारा रामकथा का मंचन दिखाया जाएगा। भारत, श्रीलंका, इंडोनेशिया, फिलीपींस, नेपाल की छह शैलियों में रामलीला का मंचन होगा।
अंत में भव्य आतिशबाजी होगी। योगी आदित्यनाथ रिमोट से दीये जलाने की शुरुआत करेंगे। दीपावली का यह उत्सव धनतरेस से लेकर भैयादूज तक चलेगा। इस उत्सव के मद्देनजर अयोध्या में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। जाहिर है, योगी सरकार भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने की दिशा में संकल्पबद्ध ढंग से लगी हुई है।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)